25 सालों का लेखा-जोखा,विपक्ष तंज जनता से धोखा !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तराखण्ड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर नवंबर माह के पहले सप्ताह में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने संविधान के अनुच्छेद 174(1) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य की पांचवी विधानसभा का साल 2025 का विशेष सत्र आहूत किया है। राज्यपाल की अधिसूचना के अनुसार विशेष सत्र 3 और 4 नवंबर को सुबह 11 बजे से देहरादून स्थित विधानसभा भवन में आयोजित किया जाएगा। यह अधिसूचना 18 अक्टूबर को राजभवन की ओर से जारी की गई। विशेष सत्र में राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर राज्य के विकास, उपलब्धियों और भविष्य की दिशा पर चर्चा होने की संभावना है। गौरतलब है कि 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य का गठन बीजेपी के नेतृत्व में किया गया था। राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान 42 आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। राज्य के 25 वर्ष पूरे होने पर यह सत्र ऐतिहासिक महत्व रखता है. जिसमें राज्य के अब तक के सफर, उपलब्धियों, चुनौतियों और आगामी विकास योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। वही प्रदेश में लम्बे समय से खाली पड़े कैबिनेट के पद को भी जल्द दिए जाने की चर्चाएं गरम है।

उत्तराखंड गठन की रजत जयंती पर नवम्बर में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। दो दिन के इस सत्र में प्रदेश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बीते दिनों बैठक में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में आपदा प्रबंधन, प्रशासनिक सुधार और स्थानीय स्तर पर सेवा वितरण को प्रभावी बनाने को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री धामी ने थराली की आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने और पुनर्वास कार्यों को युद्ध स्तर पर प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने जोशीमठ में भी राहत और पुनर्निर्माण के कार्यों को जल्द शुरू करने के साथ अधिकारियों से कहा था. कि प्रभावित परिवारों की पीड़ा को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए। बैठक में तय किया गया कि नवंबर माह में विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में राज्य की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। बैठक में लिए गए फैसलों के तत्काल क्रियान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जनहित के कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। वही रजत जयंती पर विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि विशेष सत्र होना चाहिए. 25 साल हो रहे है. जिसमें प्रदेश की उपलब्धियों को याद करने का भी समय है. और जहां खामियां रह गई है. जहाँ कमजोरी रह गई है. उनपर विवेचन करने की भी ज़रूरत है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि धामी जी ने एक बड़ी गलती कर दी. जो विशेष सत्र गैरसैण के भराड़ीसैण में होना चाहिए था. वह देहरादून में हो रहा है।

वही उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर पार्टी सूत्रों के अनुसार गढ़वाल-कुमाऊं के क्षेत्रीय संतुलन की बजाए इस बार बीजेपी लोकसभा क्षेत्र वार प्रतिनिधित्व देने के पक्ष में है। सूत्रों के अनुसार फौरी तौर पर जो बात आई है. उसके तहत हर लोकसभा क्षेत्र से दो-दो लोगों को प्रतिनिधित्व देने पर सहमति बनी है। इनमें भी बड़े जिलों को ज्यादा स्पेस मिल सकता है। बता दे राज्य के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या के आधार पर मंत्रिमंडल का आकार मुख्यमंत्री समेत 12 सदस्यों का है। लोकसभा क्षेत्र वाले फार्मूले के अनुसार वर्तमान में धामी कैबिनेट संतुलित नहीं है। वर्तमान में पौड़ी लोकसभा क्षेत्र का पलड़ा कुछ ज्यादा भारी है। यहां से सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल और धन सिंह रावत को शामिल करते हुए तीन मंत्री हैं। जबकि टिहरी लोकसभा क्षेत्र से गणेश जोशी और नैनीताल से सौरभ बहुगुणा के रूप में एक-एक ही प्रतिनिधि है। इधर अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र को देखा जाए तो मुख्यमंत्री धामी को शामिल करते हुए उनके साथ काबीना मंत्री रेखा आर्य अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व जीरो है। कुछ समय पहले तो वित्त मंत्री के रूप में ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल हरिद्वार कोटे के मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल थे। लेकिन मार्च में विधानसभा सत्र में हुए विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बाद से ही मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय और सचिवालय में विधायकों की आवाजाही बढ़ गई है। बीते दिनों भी कई विधायकों ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि गुजरात के बाद उत्तराखंड में भी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल जल्द आकार लेने जा रहा है। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कि मंत्रिमंडल के कई पद पिछले कुछ सालों से खाली पड़े है. जिसको जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. वही कौन मंत्री बनेंगे इसका निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही करेंगे।

भाजपा सरकार का मानना है की यह 25वीं वर्षगांठ राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह पिछले ढाई दशकों में हुए विकास का मूल्यांकन करने का एक अवसर है। साथ ही, यह भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करने का भी मंच प्रदान करेगा। इस सत्र में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों के विचारों का आदान-प्रदान होगा। इससे राज्य के विकास को नई दिशा मिलेगी। राज्यपाल ने इस विशेष सत्र के आयोजन को मंजूरी देकर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह सत्र उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेगा। वही विपक्ष 25 सालो में हुए विकास नहीं प्रदेश में हुए भाजपा सरकार के कामों को विनाश के कामों से तुलना कर रहा है.साथ ही इसका परिणाम 2027 के चुनाव में भुगतने की बात कर रहा है.अब देखना होगा 25 सालो में हुए कामो को जनता किस नजर के चश्मे से देखती है।