2027 पर जोर,मचा शोर, वोट चोर !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, भारत को लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश माना जाता है, लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जहाँ निर्णय लेने की शक्ति जनता के पास होती है, यह एक मूलभूत अवधारणा है जो समानता, स्वतंत्रता और भागीदारी पर ज़ोर देती है, एक लोकतांत्रिक देश में, नागरिकों को समय-समय पर होने वाले चुनावों के माध्यम से अपने नेता चुनने का अधिकार होता है लेकिन कभी कभी लोकतंत्र के अधिकारों का हनन होता भी दिखाई दे जाता है, बीते वर्ष 2024 के लोकसभा के चुनावों के बाद लोकतंत्र की गरिमा को बचाने का कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक में जिस तरह सत्ताधारी दल ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की, उसी का खुलासा तथ्यों के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किया कांग्रेस की ओर से उठाए गए गंभीर बिंदुओं का चुनाव आयोग की ओर से जांच कराने की बजाय लीपापोती की जा रही है पूरी तरह सरकार का मुखौटा बन कर काम किया जा रहा है, उत्तराखंड में भी वोट चोरी का खुलासा करने को कांग्रेस ने प्रेम बहुखंडी, पंकज क्षेत्री और अभिनव थापर की एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, कांग्रेस की ओर से 4000 से अधिक आरटीआई लगाई गई इसमें से 2000 के करीब कांग्रेस मुख्यालय पहुंच चुकी है, लेकिन सिर्फ 136 का ही गोलमोल जवाब दिया गया है चुनाव आयोग पूरे देश में ये नहीं बता पा रहा है कि किसके कहने पर वोटरों के नाम काटे गए इसकी सूचना स्पीड पोस्ट से क्यों नहीं दी गई, कांग्रेस का कहना है कि बीएलओ ने भी नाम काटे जाने की सूचना नहीं दी क्यों हर बार फाइनल वोटर लिस्ट के बाद सप्लीमेंट्री वोटर लिस्ट जारी की जाती है और वो लिस्ट किसी को नहीं दिखाई जाती इन तमाम गड़बड़ियों को सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान सामने रखा जाएगा बताया जाएगा कि फर्जी वोटर बनाते हुए असली वोटरों के नाम काटे गए हैं, हाल ही में प्रदेश के कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भी कांग्रेस ने इस आरोप को पुनः उठाया, कांग्रेस ने वोट चोरी को लेकर चुनाव आयोग और भाजपा को घेरा और सवाल भी उठाया है कि वोट चोरी के मामले में जब वह चुनाव आयोग से सवाल पूछ रहे हैं तो उसका जवाब बीजेपी दे रही है,

वोट चोरी के गंभीर आरोप लगते हुए कांग्रेस जांच की मांग कर रही है तो भाजपा की ओर से राहुल गांधी पर निशाना साधने का काम भाजपा कर रही है, साथ ही बीजेपी सरकार में संविधान कंप्रोमाइज की भूमिका में दिखाई दे रहा है, जिसका कांग्रेस पूरी तरह से विरोध कर रही है, कांग्रेस ने ही वोट का अधिकार दिया और 50 सालो तक लोकतंत्र को चलाया है जब भी कांग्रेस काल में चुनाव से सम्बन्धित थोड़ी बहुत जो शिकायते आती भी थी तो उसे कांग्रेस ने उसी समय खत्म किया है, ताकि लोकतंत्र जीवित रहे लेकिन भाजपा के राज में चुनाव आयोग उसे चुराकर बीजेपी के झोली में डाल रहा है जो एक लड़ाई के रूप सामने खड़ा है और जिसको जीतने के लिये कांग्रेस हमेशा प्रयासरत रहेगी और “वोट चोर गद्दी छोड” की मुहीम के साथ घर घर जाकर जनता को जागरूक करेगी, देखने वाली बात यह होगी की कांग्रेस की यह मुहीम कितना आगे जाएगी साथ ही क्या वोट चोरी के मामले को लेकर सत्ता पक्ष क्या फैसला लेता है, 

वोट चोरी पर भाजपा ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला किया है.भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर फर्जी मतदाता सूची में नाम चढ़ाने का आरोप लगया है वही भाजपा का आरोप है की राहुल एक तरफ मोदी को वोट चोर बोल रहे है इससे पहले राहुल को चुनाव आयोग को अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए। उसके बाद आरोप लगाना सही है. इस से साफ हो जायेगा की कौन वोट चोर है। वही कांग्रेस के समर्थन में प्रदेश का छेत्रिय दल भी यूकेडी भी भाजपा पर आरोप लगता नजर आ रहा है.

आपको बता दे अब प्रदेश में अग्रिम चुनाव 2027 में होने है. इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी बिसक बिझने में जुट गई है। यही वजह की कांग्रेस की सोच हे  की 2027 में वो चुनावी मैदान में उतरेगी और भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में शिकस्त देगी. प्रदेश भर में भाजपा की तमाम उन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे जो जनता के हित में नहीं हैं.
यही वजह है कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी ने जो वोट चोरी का नारा दिया है, उसे जनता तक लेकर कांग्रेस जाएगी और जनता को बताएंगे किस तरह से सत्ताधारी दल उनके वोट को चोरी कर रहा है. इसका उदाहरण हमने नैनीताल में हुए पंचायत चुनाव में कांग्रेस के आरोपों में देखा है कि जैसे जनता के दिए हुए मैंडेट को सरकार ने लूटने का काम किया.इस तरह के आरोप आने वाले समय में कांग्रेस को किस दिशा में लेकर जायेगे ये भी आने वाला समय तय करेगा बरहाल भाजपा कांग्रेस के आरोप और वोट चोर नारे को फ्लॉप बता रहे है.