व्यवस्था चरमराई,उपनलकर्मियों की लड़ाई !

Uttarakhand News, उपनलकर्मियों को नियमितीकरण करने की मांग को लेकर प्रदेश भर से राजधानी देहरादून पहुंचे सैकड़ों उपनलकर्मियों कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. विभिन्न विभागों में कई वर्षों से तैनात करीब 22 हजार कर्मचारियों ने अब सरकार से आर पार का मन बना लिया है.उपनल कर्मचारी महासंघ ने कहा कि राज्य के सभी विभागों को मिलाकर करीब 22 हजार उपनल कर्मियों ने सोमवार दस नवंबर से कार्य बहिष्कार का फैसला लिया. उन्होंने इसे सरकार और ब्यूरोक्रेट्स की नाकामी बताते हुए कहा कि वर्ष 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चरणबद्ध तरीके से सभी उपनल कर्मियों को नियमित किए जाने को कहा था. उसके बावजूद सरकार ने इस आदेश पर अमल करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की अपील खारिज कर दी.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा तीन बार बड़े मंचों से कहा जा चुका हैं कि उपनल कर्मियों के लिए ठोस नियमावली बनाई जा रही है. और उन्हें नियमित सेवा में शामिल किए जाने के लिए योजना पर कार्य किया जा रहा है, लेकिन 8 महीने बीतने के बावजूद अभी तक कर्मियों के लिए कोई भी शासनादेश लागू नहीं किया गया है.जिसको लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, वन विभाग, सिंचाई विभाग, प्रशासनिक और तकनीकी विभागों और कई सरकारी संस्थानों में तैनात उपनल के कर्मचारी कल से लगातार हड़ताल पर हैं.

वही अब राजधानी के सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल में उपनल कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से बिलिंग काउंटर से लेकर पर्चे बनाने के लिए मरीजों की लंबी कतारें लगी. दून अस्पताल से भी बड़ी संख्या में उपनल से तैनात वॉर्ड बॉय, नर्स ,फार्मासिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर और सफाई कर्मी हड़ताल पर रहे, जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. करीब डेढ़ सौ से अधिक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की व्यवस्थाएं भी चरमराई है. ऐसे कई सरकारी संस्थानों में अव्यवस्थाओं का अंबार नजर आ रहा है। ऐसे में सरकार इन उपनल कर्मियो की मांगो को कब तक पूरा कर पायेगी ये बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है.जिसको लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शरू कर दिया है।