उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड पलायन आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है कि अगस्त 2025 तक प्रदेश में 6282 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। रिवर्स पलायन के आंकड़ों में पलायन आयोग ने देश के बाहर विदेशों से वापस लौटने वाले प्रवासियों का भी आंकड़ा साझा किया है. रिपोर्ट के अनुसार देश के बाहर से कुल 169 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है. इसमें से सबसे ज्यादा टिहरी जिले में 66 लोगों ने विदेश की धरती से वापस उत्तराखंड में रिवर्स पलायन किया है. वहीं इसके अलावा देश के अन्य राज्यों के अलावा राज्य के अन्य जिलों से और इस जिले के नजदीकी शहरों से भी लोगों ने वापस अपने गांव में रिवर्स पलायन किया है.पलायन आयोग अध्यक्ष एसएस नेगी ने बताया आयोग ने पिछले तीन महीने में पूरे प्रदेश भर में सर्वे किया है. इसमें ऐसे गांवों को चिन्हित किया गया जहां पर लोगों ने रिवर्स पलायन किया है. उन्होंने कहा कि यह बेहद अच्छे संकेत है कि प्रदेश भर में 6000 से ज्यादा लोगों ने रिवर्स पलायन किया है. ये लोग अलग-अलग सेक्टर में नए तौर तरीकों के साथ काम कर रहे हैं. ये लोग बागवानी, मत्स्य पालन, पर्यटन के अलावा अन्य रोजगार के साधनों से अपनी आजीविका शुरू कर रहे हैं. यही नहीं इन लोगों ने अन्य को भी रोजगार देने का काम किया है. वही प्रदेश में पलायन पर रोक साथ ही पर्यटकों की संख्या में बढ़ौतरी लेकर प्रदेश सरकार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त कर रही है.उत्तराखंड की व्यास वैली रिवर्स पलायन का मॉडल बनती जा रही है. ऐसा उन आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है जो इस वैली में आने वाले पर्यटकों से जुड़ी है. स्थिति यह है कि इस क्षेत्र में पिछले 4 साल के भीतर ही पर्यटकों की आमद 30 गुना तक बढ़ गई है. जिसके चलते इस क्षेत्र में रोजगार और व्यावसायिक गतिविधियां काफी तेजी से पन पी हैं.ऐसे में विपक्ष की मानना है तो राज्य सरकार प्रदेश के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन भी प्रदेशभर में आयोजित तो किया गया है. लेकिन बावजूद उसके पलायन का असली कारण क्या है यह विचारणीय रहा। ऐसे में बीते विधानसभा सत्र में पलायन का मुद्दा भी जम कर चर्चाओं में रहा।
उत्तराखंड पलायन आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है, कि अगस्त 2025 तक प्रदेश में 6282 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। इनमें सबसे अधिक पलटी पौड़ी (1213), अल्मोड़ा (976), टिहरी (827) और चमोली (760) में दर्ज की गई है। कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, पर्यटन और होमस्टे जैसे क्षेत्रों में लोग गांव लौटकर नई आजीविका खड़ी कर रहे हैं। विकास खंडों में टिहरी का थौलधार ब्लॉक सबसे आगे रहा, जहां 300 लोगों ने वापस गांवों में बसेरा डाला। वहीं 169 लोग विदेशों से भी लौटे, जिनमें से सबसे ज्यादा 66 लोग टिहरी पहुंचे। आयोग का कहना है कि ये आंकड़े राज्य में सकारात्मक बदलाव की ओर संकेत करते हैं, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. शरद सिंह नेगी ने बताया कि लौटकर आए लोग अब नए मॉडल के साथ काम कर रहे हैं और स्थानीय स्तर पर रोजगार भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग इन रिवर्स पलायन करने वाले लोगों के अनुभवों को एकजुट कर उनकी कार्यशैली को सरकारी योजनाओं से जोड़ेगा, ताकि अन्य गांवों में भी आजीविका के नए विकल्प तैयार हो सके और पलायन झेल रहे क्षेत्रों में लोग वापस लौटने के लिए प्रेरित हों।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन सभी प्रवासियों ने अपने राज्य से दूर रहकर उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखा है.
उत्तराखंड में प्रवासी सम्मेलन 2025 में रजत जयंती उत्सव के रूप में हालि में मनाया गया है। इस सम्मेलन में देश के 11 राज्यों से करीब 199 प्रवासियों शामिल हुए हैं। सम्मेलन में तमाम सत्रों के जरिए अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिसमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्लानिंग, सर्कुलर इकोनॉमी, कल्चर एक्सप्रेशन ऑफ उत्तराखंड, एंपावरिंग वूमेन थ्रू लाइवलीहुड इन उत्तराखंड हिल्स, पब्लिक हेल्थ चैलेंज विषय शामिल रहा है। पलायन आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है, कि अगस्त 2025 तक प्रदेश में 6282 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। ऐसे में सत्ता पक्ष भविष्य में पलायन को रोकने और पुनर्वास होने पर अपनी बड़ी जीत बता रहा है वही विपक्ष सरकार से पालयन न हो साथ रिवर्स पलायन की रोक थाम को लेकर सवाल खड़े करता दिखाई दे रहा है.
उत्तराखंड के अलग-अलग गांव में देश और विदेशों से लौटे इन रिवर्स पलायन करने वाले लोगों को एकजुट करके पलायन आयोग इन सभी रिवर्स पलायन करने वाले लोगों का अनुभव लेंगा. साथ ही इन लोगों को एकजुट कर क्षेत्र में नए रोजगार और नए अपॉइंटमेंट मॉडल का भी डाटा कनेक्ट करके सरकार की योजनाओं में इनको शामिल करेगा. जिससे इस तरह के रोजगार अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग कर सकें. उनके अनुभव से लोग सीख सकें, अब सरकार के सामने बड़ी चुनौती यही है.रिवर्स पलायन कर रहे लोगो को वो कब तक प्रदेश में रोकने और रोजगार से लाभार्थी करने में कामयाब होगी साथ ही अगर सरकार रिवर्स पलायन के चल रहे, अभियान में कामयाब भी हो जाती है, तो उम्मीद यही है, की भविष्य में पलायन कम और प्रदेश से बाहर रह रहे प्रवासी भी अपने घरो को लौट जाएँगे।