KNEWS DESK, राजस्थान की होनहार RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई का हाल ही में निधन हो गया, जिससे पूरे बिश्नोई समाज में मातम का माहौल है। प्रियंका, जो मूल रूप से बीकानेर की रहने वाली थीं, की अचानक मृत्यु ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। उनकी मौत के बाद से सोशल मीडिया पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है, जिसमें उनके इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया गया है।
प्रियंका ने 5 सितंबर को जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के बाद उनकी स्थिति बिगड़ने लगी, जिसके चलते उन्हें 7 सितंबर को अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान बुधवार रात उनकी मृत्यु हो गई। प्रियंका के परिजनों का आरोप है कि जोधपुर के चिकित्सकों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिसकी वजह से प्रियंका की हालत गंभीर हुई। जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तीन दिनों के भीतर जांच करने का आदेश दिया है। प्रियंका के परिवार ने इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बता दें कि प्रियंका बिश्नोई 2016 बैच की RAS अधिकारी थीं और हाल ही में नगर निगम उपायुक्त के पद पर तबादला हुआ था। जोधपुर में सहायक कलक्टर के रूप में उनकी सेवाएं सराहनीय रही हैं। उनके निधन से प्रशासनिक महकमे में भी शोक की लहर है, क्योंकि प्रियंका एक सक्षम और मेहनती अधिकारी मानी जाती थीं। प्रियंका बिश्नोई के निधन पर न केवल उनके परिवार और दोस्तों, बल्कि समस्त बिश्नोई समाज ने गहरा दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी प्रियंका के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रियंका को श्रद्धांजलि देने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं उनका अंतिम संस्कार फलोदी के सुरपुरा में किया जाएगा, जहां परिजनों और शुभचिंतकों की भीड़ जुटेगी। प्रियंका की कहानी ने यह दिखाया है कि हमारे समाज में ऐसी दुखद घटनाएं हमें विचार करने पर मजबूर करती हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की कितनी आवश्यकता है। इसके अलावा प्रियंका बिश्नोई का निधन न केवल एक व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि यह एक बड़ा सवाल भी खड़ा करता है कि हमारी स्वास्थ्य सेवाएं कितनी सुरक्षित हैं। सभी की नजरें अब जांच रिपोर्ट पर हैं, जो आगे की कार्रवाई को दिशा देगी।