उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने के बाद मलबे मे दबे लोगों को ढूंढने के लिए दूसरे दिन भी सर्च अभियान जारी है। प्रशासन ने 4 लोगों की मौत की पुष्टि की है और 70 से अधिक लापता बताये हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा तथा राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं. लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। भारी बारिश से गंगोत्री हाईवे पर कई स्थानों पर मलबा और बोल्डर आए हुए हैं. जिससे मार्ग अवरुद्ध हो गए है. जिसमे बीआरओ की टीम सड़क खोलने के कार्य मे जुटा है। नेताला से लेकर भटवाड़ी के पापड़गाड तक दो स्थानों के पास सड़क धंसी है। गंगोत्री हाईवे पर नेताला और मनेरी-ओंगी के बीच नदी से सड़क पर कटाव हो रहा है। पापड़गाड में आज सड़क का खुलना मुश्किल है। गंगोत्री हाईवे पर पापड़गाड़ के पास लगभग 30 मीटर सड़क धंस गई, जिससे हर्षिल और धराली क्षेत्र का जनपद और तहसील मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है। इस वजह से जिला प्रशासन की राहत टीम और आवश्यक सामग्री लेकर जा रही टीमें भटवाड़ी में फंसी हुई हैं, जो देर रात से वहीं अटकी हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हर्षिल और आसपास के क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है, जिनमें मुख्य रूप से मुखबा और कछोरा जैसे इलाके शामिल हैं।
उत्तरकाशी के धराली हर्षिल में आयी आपदा क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एसडीआरएफ आइटीबीपी तथा अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर लगभग 130 से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों के साथ बैठक कर रेस्क्यू ऑपरेशन की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बैठक के दौरान सीएम ने संचार व्यवस्था को भी मंगलवार रात्रि ही बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पीडब्ल्यूडी/जल संस्थान/ऊर्जा आदि विभाग के अधिकारी वहीं डटे रहें। डॉक्टर और दवाई की व्यवस्था की जाए। पोस्टमार्टम आदि की व्यवस्था वहीं मौके पर की जाए। मुख्यमंत्री ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि बुधवार सुबह ही विभिन्न विभागों के सचिवों की टीम भी धराली हर्षिल के लिए रवाना हो जाएगी। नेताला में अवरुद्ध मार्ग को रात्रि करीब आठ बजे खोल लिया गया है। मार्ग खुलते ही यहां फंसे जिलाधिकारी उत्तरकाशी और एसपी के साथ ही अन्य राहत और बचाव दल मौके के लिए रवाना हो गए हैं।खाद्य विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाकर भी घटनास्थल के लिए रवाना की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज आपदा ग्रस्त इलाके का हवाई निरीक्षण कर आपदा में हुई हानि की जानकारी ली। वही भीषण आपदा पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यधिक चिंताजनक और दुखद है। जिसमे लगभग 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें सेना के 6 से 8 जवान भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि खीरगंगा के मुहाने पर सेना का छोटा कैंप भी बह गया है। चार लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। रावत ने कहा कि धराली एक आधुनिक गांव के रूप में विकसित हो रहा था, जहां अच्छी खेती, बागवानी, होमस्टे और बाजार थे। उन्होंने आशंका जताई कि नुकसान की संख्या 70 से कहीं ज्यादा हो सकती है। नुकसान का सही आकलन प्रशासन ही कर सकेगा।
आपको बता दे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने आंध्र प्रदेश दौरे को बीच में ही तत्काल निरस्त करते हुए मंगलवार शाम को सीधे देहरादून आईटी पार्क स्थित आपदा परिचालन केंद्र पहुंच कर उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की घटना से प्रभावित क्षेत्र में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य है। सीएम ने शिक्षा विभाग तथा जिलाधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक तथा अन्य संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द नेटवर्क व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आपदा प्रभावितों तत्काल रेस्क्यू के बाद होटल, होम स्टे आदि में रहने, खाने तथा दवाइयां की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से हर्षिल क्षेत्र में बन रही झील को जल्द से जल्द खुलवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। प्रभावितों को एयरलिफ्ट करवाने तथा तत्काल भोजन, दवाइयां तथा कपड़े आदि भेजने के लिए वायु सेना के MI 17 का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो लोग बेघर हो गए हैं उनके रहने के लिए अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। यदि होटल आदि अधिग्रहित करना पड़े तो उसको तुरंत कर लिया जाए। कि आपदा से प्रभावित लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी ने अपना परिवार खोया है तो सरकार उसके साथ खड़ी है। सरकार ऐसे सभी लोगों की संरक्षक है और उनके जीवन यापन का पूरा जिम्मा सरकार का है।
आपको बता दे धराली और मुखबा गांव में सावन माह में हर वर्ष दो दिवसीय हार दूधू मेले का आयोजन किया जाता है.लेकिन किसको पता था कि गांव में दूसरे दिन के मेले के आयोजन से पहले एक ऐसी भयावह त्रासदी देखने को मिलेगी. वहीं, धराली गांव में खीर गंगा में आए सैलाब के दौरान कई महिलाएं मंदिर परिसर में ही मौजूद थी.जोकि वही खीरगंगा के समीप ही बना है. उन्होंने भी पहाड़ी की ओर भागकर अपनी जान बचाई,हादसा बड़ा भयवक था.अगर ये जल सैलाब रात के अंधेरे में आता तो इससे भी बड़ी जनहानि होने की आशंका थी. लेकिन इस हादसे को भी कम नहीं आका जा सकता जिसमें कई जिन्दगी इस मलबे में हो सकती है।उत्तरकाशी के धराली में राहत बचाव युद्ध स्तर पर जारी है.जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद जारी है. वही मौसम भी बड़ी रूकावट बना है।