उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा शुरू होते ही विपक्षी पार्टियो ने सरकार पर हमला बोल दिया है। एक तरफ केदारनाथधाम में घोड़ो-खच्चरों की मौत का मामला सामने आ गया है तो दूसरी ओर बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की नियुक्ति पर कांग्रेस ने कई गम्भीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस की मुख्य प्रदेश प्रवक्ता गरिमा माहरा दसोनि ने कहा कि आखिर सरकार की क्या मजबूरी है कि वह बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति जैसे गरिमामई संस्थान के अध्यक्ष के चयन में गलती कर रही है। दसौनी ने कहा कि बीकेटीसी के अध्यक्ष का पद बहुत समय से रिक्त चल रहा था. लेकिन समय रहते इस पद पर नियुक्ति हो जानी चाहिए थी. यात्रा और चारों धामों के कपाट खोलने की तिथि की भी औपचारिक घोषणा हो चुकी थी लेकिन बीकेटीसी के अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया। यात्रा प्रारंभ होने के बाद आनन फानन में राज्य सरकार ने बी के टीसी के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्षों की घोषणा की ऐसे में यह समझ से परे है कि आखिर बीकेटीसी में दो उपाध्यक्षों की नियुक्ति क्यों चाहिए क्योंकि दो उपाध्यक्ष मतलब राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला जा रहा है। उत्तरकाशी में आज सुबह करीब 8:45 बजे गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप गंगनानी के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हेलीकॉप्टर हैली एयरोट्रांस कंपनी का था, जो देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्षिल के लिए उड़ान भरा था। हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे। इस हादसे में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हैं। श्रद्धालुओं की संख्या और उन की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैवही बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विपक्ष से लेकर अन्य कई लोग नियुक्ति को लेकर सवाल उठा रहे है. तो विपक्ष पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ने कहा विपक्ष का काम विरोध करना रह गया है। वह विरोध ही करता है, इसके अलावा विपक्ष के पास कुछ काम नहीं है पहले विपक्ष हल्ला मचा रहा था कि बीकेटीसी का अध्यक्ष सरकार नहीं बना पा रही है और अब अध्यक्ष बन गए तो इधर-उधर के आरोप लगाने का काम विपक्ष द्वारा किया जा रहा है। वही दूसरी ओर सचिव पशुपालन डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता कर बताया कि वायरस की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान ने बीते 26 मार्च 2025 को रुद्रप्रयाग जिले के दो गांव में घोड़े खच्चरों की सैंपलिंग की थी, जिसमें एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित घोड़े होने की सूचना मिली थी। उसके बाद पशुपालन विभाग ने अबतक 16 हज़ार घोड़े- खच्चरों की सैंपलिंग की हैं, सैंपलिंग में जो घोड़े नेगेटिव आए हैं, उन्हीं घोड़ों को यात्रा में ले जाने की अनुमति दी गई। वहीं 16 हज़ार घोड़ों की सैंपलिंग में 152 सैंपल पॉजिटिव आए हैं, और इन 152 सैंपल का दोबारा आर.टी.पी.सी.आर टेस्ट भी कराया गया। जिसमें किसी भी घोड़े खच्चर की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं पाई गई। सचिव पशुपालन ने बताया कि 2 दिन की यात्रा में 13 घोड़े खच्चरो की मृत्यु होने की सूचना प्राप्त हुई है। जिसमें 8 घोड़ों की मृत्यु डायरिया एवं 5 घोड़ों की मृत्यु एक्यूट कोलिक से हुई है, इसके साथ ही विस्तृत रिपोर्ट के लिए इनके सैंपल बरेली भेजे गए हैं। उन्होंने बताया मामले की गंभीरता को देखते हुए 22 से अधिक डॉक्टरों की टीम को यात्रा मार्ग में तैनात किया गया है।
अब तक रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे पैदल चलने के साथ पालकी और डंडी-कंडी से यात्रा करें. केदारनाथ यात्रा में आवागमन और सामान ढोने के लिए घोड़े-खच्चरों का संचालन करने वाले पशु संचालकों को कड़ी हिदायत दी गई है कि इन 24 घंटों में यात्रा मार्ग पर अपने पशुओं का संचालन नहीं करें. अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.वही देखना होगा की अब चारधाम में बढ़ती श्रधालुओ की संख्या और उन की सुरक्षा को लेकर सरकार कितना सतर्क है