महिला सुरक्षा पर सवाल , विपक्ष का बवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट

, उत्तराखंड जिसे आमतौर पर देवभूमि कहा जाता है. आज महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट और 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार राज्य में महिला अपराधों के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। महिलाओं के प्रति अपराधों को लेकर अब कांग्रेस पार्टी ने सरकार को घेरने की रणनीति अपनाई है। जिसके चलते आज प्रदेश कांग्रेस महिला मोर्चा के आवाहन पर उत्तराखण्ड महिला व बाल आयोग का घेराव कर प्रदर्शन किया व महिला व बाल आयोग की अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा गया। उत्तराखण्ड कांग्रेस महिला मोर्चा का कहना है कि इन तीनों संगठनों के अध्यक्षों से कांग्रेस का सीधा सवाल है कि उत्तराखण्ड में हो रहे महिला उत्पीड़न व हरिद्वार भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष अनामिका शर्मा की नाबालिग मासूम 13 वर्षीय बेटी के साथ उसी की मां द्वारा करवाए गए दुराचार मामले का संज्ञान इन संगठनों ने लिया है।

प्रदेश में महिलाओं व बच्चियों के खिलाफ हिंसा बलात्कार व हत्या के मामले बढ़ने को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने सवाल उठा दिए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस का कहना है कि महिला अपराध में उत्तराखंड पूरे देश के हिमालय राज्यों में पहले पायदान पर आ गया है. किन्तु इस ज्वलंत मुद्दे पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी की महिला शाखा भारतीय जनता महिला मोर्चा, राज्य का महिला आयोग और राज्य बाल आयोग खामोश बैठे हैं। उत्तराखंड कांग्रेस महिला मोर्चा का कहना है कि इन तीनों संगठनों के अध्यक्षों से कांग्रेस का सीधा सवाल है कि क्या हरिद्वार भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष अनामिका शर्मा की नाबालिग मासूम 13 वर्षीय बेटी के साथ उसी की मां द्वारा करवाए गए दुराचार मामले का संज्ञान इन संगठनों ने लिया है और अगर लिया है तो क्या ये उस पीड़ित बच्ची से मिलने हरिद्वार गई हैं और क्या इस मामले में इन के द्वारा कोई कार्यवाही की गई है. उन्होंने    भाजपा महिला मोर्चा, राज्य महिला आयोग व राज्य बाल आयोग पर तीखा हमला करते हुए कहा कि छोटे छोटे मामलों में स्कूलों में पहुंच कर हंगामा करने वाली व हिन्दू मुस्लिम विवादों में बढ़ चढ़ कर भागीदारी निभाने वाली इन तीनों संगठनों की महिला अध्यक्ष राज्य को झकझोर देने वाली घटना अंकिता भंडारी के मामले में चुप्पी साधे रही और अब इतना बड़ा महापाप जो उनकी पार्टी की महिला शाखा की जिला अध्यक्ष रही नेत्री द्वारा अपनी ही सगी मासूम नाबालिग बेटी के साथ किया गया उस पर भी ये तीनों संगठन कार्यवाही तो दूर की बात एक शब्द भी मामले का खुलासा होने और आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद भी नहीं आया है।

2023: महिला अपराध के 5098 मामले दर्ज

2024: 5161 मामले

2025 (सिर्फ अप्रैल तक): 4980 मामले — यानी तेज़ी से बढ़ता ग्राफ

इनमें शामिल हैं:

बलात्कार: 252

महिला अपहरण: 158

हत्या: 60

वही पिछले दिनों उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने देहरादून स्थित पुलिस लाइन में राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत जनसुनवाई का आयोजन किया। इस मौके पर प्रदेश भर से आईं दर्जनों पीड़ित महिलाओं ने अपनी समस्याएं रखीं. जिन्हें आयोग ने गंभीरता से सुना और शीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया। विजया रहाटकर ने कहा कि महिलाओं से जुड़े मामलों में आयोग पूरी तरह सजग है. और यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है कि पीड़िताओं को जल्द से जल्द न्याय मिले। उन्होंने कहा कि कई मामलों में काउंसलिंग की अहम भूमिका होती है, जिससे समस्या के समाधान में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महिला आयोग की प्राथमिकता है कि महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों में कमी लाई जाए. और इसके लिए देशभर में जागरूकता अभियान, कानूनी सहायता और तुरन्त कार्यवाही जैसे पहलूओं पर कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान आयोग की टीम ने विभिन्न प्रकरणों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार अभियान के तहत यह दौरा महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। विजया रहाटकर का कहना है कि हमारी कोशिश है कि महिलाएं अपने अधिकारों को जानें खुलकर अपनी बात रखें और उन्हें हर स्तर पर न्याय मिले।

अब सवाल सिर्फ सरकार से नहीं, महिला आयोग व बाल आयोग की चुप्पी से भी है। क्या उत्तराखंड की बिटिया अब सिर्फ चुनावी घोषणा पत्रों का हिस्सा बनकर रह गई या सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारे तक ही सिमित है क्या सरकार के संरक्षण में चल रहा आयोग भी सिर्फ दिखावे का आयोग बन कर रहे गया है कही सवाल ऐसे है जिसके सवाल अभी भी आम जनता के बीच न काफी है।