पेपर लीक पर सवाल,आज सड़को पर बवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले बेरोजगार युवाओं के सपने नकल माफिया चकना-चूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पिछले कुछ सालों में लगातार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं और लगातार भर्ती परीक्षा सवालों के कटघरे खड़ी रही है. ऐसा ही 21 सितंबर को आयोजित हुई उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की पेपर को लेकर हुआ है। UKSSSC का एग्जाम रविवार सुबह 11 बजे प्रदेश के 445 केंद्रों में आयोजित हुआ. लेकिन परीक्षा शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद ही 11:35 बजे पेपर का एक सेट लीक हो गया। इस पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन गणेश शंकर मर्तोलिया ने पेपर लीक मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रश्न पत्र से जुड़े पहले तीन पन्ने बाहर आए हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ये पन्ने बाहर आए कैसे। बता दे बीते दिन ही एसटीएफ ने कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह रावत और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को देहरादून से गिरफ्तार किया था।
हाकम सिंह रावत पहले भी कई बड़े पेपर लीक मामलों में शामिल रहा है। 2021 की स्नातक स्तरीय परीक्षा वन दरोगा भर्ती और सचिवालय रक्षक भर्ती में उसका नाम सामने आया था।
सरकार की कमजोर पैरवी से जमानत पर रिहा होने के बावजूद उसका नेटवर्क सक्रिय रहा। प्रदेश में नकल कराने और पेपर बेचने का सबसे बड़ा आरोपी जेल से छूट कर आ भी गया और फिर पेपर बेचने के धंधे में लग गया। पेपर लीक की खबर से अभ्यर्थियों में गुस्सा है। अभ्यर्थी दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन नकल माफिया और प्रशासन की लापरवाही उनका भविष्य बर्बाद कर रही है। जिसके चलते उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने आज 22 सितंबर को देहरादून में बड़े आंदोलन का ऐलान किया था, जिसके लिए उन्होंने प्रदेश भर के युवाओं को देहरादून आने की अपील भी की हैं. उत्तराखंड बेरोजगार संघ के इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए देहरादून के कई स्थानों पर मजिस्ट्रेट ने धारा 163 बीएनएसएस लागू लगाई. साथ ही बड़े विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने भी अपनी कमर कस ली है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत बीते दिन उत्तराखंड पुलिस और एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकल माफिया हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर लाखों रुपये की मांग करने का आरोप है। पुलिस के अनुसार आरोपी अभ्यर्थियों को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सफलता दिलाने का प्रलोभन देकर 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहे थे। योजना यह थी कि यदि परीक्षार्थी खुद चयनित हो जाते तो आरोपी रकम हड़प लेते और असफल होने की स्थिति में भविष्य की परीक्षाओं में पैसे एडजस्ट करने का बहाना बनाकर अभ्यर्थियों को अपने झांसे में रख लेते थे। देहरादून पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त रूप से संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी और इसी दौरान सूचना मिली कि परीक्षा में धोखाधड़ी करने के लिए गिरोह सक्रिय है। जांच में सामने आया कि पंकज गौड़, हाकम सिंह के संपर्क में है और अभ्यर्थियों से पैसे की मांग कर रहा है। इस आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को पटेल नगर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने देहरादून पुलिस द्वारा UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा में नकल गिरोह के सरगना हाकम सिंह और उसके साथी को गिरफ्तार किए जाने पर कहा मुख्यमंत्री द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून पारित करने के बाद से एसटीएफ जिला पुलिस और साइबर पुलिस हर परीक्षा से पहले लगातार निगरानी कर रही है। दो दिन पहले जानकारी मिली थी कि कुछ व्यक्तियों ने कुछ अभ्यर्थियों से संपर्क कर उन्हें कुछ पैसे के बदले परीक्षा में पास कराने का प्रलोभन दिया था। जांच के दौरान पंकज गौड़ को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। कुल 6 छात्रों से इन्होंने संपर्क किया था और उनसे 12-15 लाख रुपये मांगे थे। पंकज गौड़ हाकम सिंह के संपर्क में था। हाकम सिंह से भी पूछताछ की गई है और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों के खिलाफ सबूत और रिकॉर्डिंग मिली हैं। UKSSSC के एक पत्र को भी जांच में शामिल किया गया था। इसके अलावा एसटीएफ उन सभी आरोपियों के ठिकानों की जांच कर रही है जो पूर्व में ऐसे मामलों में प्रकाश में आए थे या जेल गए थे और उनसे कई जिलों में पूछताछ भी की जा रही है।

 वही इस मामले पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। कांग्रेस प्रदेश  अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में आयोजित UKSSSC की स्नातक स्तरीय पटवारी भर्ती परीक्षा में एक बार फिर सामने आए पेपर लीक मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह वर्षों से सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे लाखों युवाओं के भविष्य के साथ धामी सरकार का एक और बड़ा धोखा है। करन माहरा ने कहा कि धामी सरकार ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 जारी कर इसे देश का सबसे सख्त नकल-विरोधी कानून बताया था। सरकार ने दावा किया था कि युवाओं के हितों की रक्षा के लिए वह नकल माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकते हुए पारदर्शी भर्तियां सुनिश्चित करेगे। उन्होंने कहा कि तब धामी सरकार ने अपनी वाहवाही लूटने के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन आज धामी सरकार के सभी दावे खोखले और जुमले साबित हो रहे है। बीजेपी के अपने ही पूर्व नेता और UKSSSC पेपर लीक के आरोपी को फिर से गिरफ्तार करना पड़ा है। कांग्रेस ने पहले ही आशंका जताई थी कि सरकार पूरे प्रकरण में बड़े नेताओं और उच्च अधिकारियों को बचाने का काम कर रही है। आज यह फिर साबित हो गया कि पेपर लीक माफिया आज भी प्रदेश में सक्रिय है और धामी सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।

आपको बता दें, कि रविवार को बेरोजगार संघ ने प्रेस वार्ता की थी. बेरोजगार संघ ने रविवार को हुए यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) पेपर के लीक होने का आरोप लगाया था. बेरोजगार संघ की मांग है कि रविवार को होने वाला यूकेएसएसएससी का पेपर रद्द होना चाहिए. इसके लिए बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने सीएम धामी और यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष से मुलाकात भी की थी, लेकिन पेपर रद्द नहीं हुआ.बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि पुलिस की नजर नकल माफिया हाकम सिंह पर क्यों नहीं थी. हाकम सिंह ने कैसे दोबारा पेपर लीक लीक करवा दिया. वैसे बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी बॉबी पवार के आरोपों का देर रात देहरादून एसएसपी अजय सिंह और यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जी एस मर्तोलिया ने प्रेस वार्ता की और पूरा मामले की जानकारी दी.अब सभी राजनीतिक दल पेपर लीक प्रकरण को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध में नजर आ रहे है. सवाल अब इस बात को लेकर उठता है. की प्रदेश में धामी सरकार के सख्त नकल विरोधी कानून आने के बाद भी नकल माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है. तो प्रदेश में नव युवाओं का भविष्य कैसे सुरक्षित रह सकता है.