धामी ने किया साफ, नौनिहालों मिलेगा इंसाफ !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में हाल ही में चर्चित पेपर लीक प्रकरण विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है जिसको को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस मामले की तह तक जाने के लिए गंभीरता से जांच करा रही है. उन्होंने कहा कि SIT पिछले सालों के रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि सभी के सामने पूरी हकीकत आ सके. सीएम धामी ने कहा कि ‘जब तक जिंदा हूं छात्रों को न्याय दिलाना मेरी जिम्मेदारी ,उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज खुलकर अपना पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, छात्रों को न्याय दिलाना उनकी जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि आखिरकार प्रश्नपत्र केवल खास लोगों तक ही क्यों पहुंचा? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों तक ये प्रश्नपत्र पहुंचे, उनकी जिम्मेदारी थी कि इसकी सूचना तुरंत आगे देते. सीएम धामी का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर गलत तरीके से प्रोपेगेंडा फैलाया गया और इसे पेपर लीक कहकर जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश हुई.उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के हित सर्वोपरि हैं और आवश्यकता पड़ी तो सरकार सीबीआई जांच कराने से भी पीछे नहीं हटेगी. फिलहाल मामले की जांच एसआईटी कर रही है. और सभी को जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.आपको बता दे, पेपर लीक मामले में प्रदेश भर में इसका जमकर विरोध हो रहा है.वही बेरोजगार संघ परीक्षा निरस्त ओर पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से करने की मांग कर रहे है. 6 दिनों से बेरोजगार सड़को पर प्रर्दर्शन कर रहे है। साथ अन्य विपक्षी दल के साथ सरकार के लोक सभा सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी बेरोजगारों के समर्थन में सीबीआई जांच का समर्थन कर सरकार की एस आई टी जांच पर अब सवाल खड़े कर दिए है.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) को 21 सितंबर को हुए पेपर में हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र के 3 पन्ने बाहर आए. खास बात है की प्रश्न पत्र पेपर शुरू होने के 35 मिनट बाद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. इस मामले में एसआईटी अभी तक मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन साफिया को गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर, सेक्टर मजिस्ट्रेट और एसआई समेत 2 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर चुकी है.आपको बता दे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा सीबीआई जांच की मांग पर उन्होंने कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर नॉन-सीरियस सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए. यानी धामी ने साफ कर दिया कि फिलहाल सरकार गंभीरता से जांच कर रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

सप्ताह से चल रहे पेपर लीक प्रकरण पर जम कर विरोध प्रदर्शन के साथ राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस का साफ आरोप है कि बिना सत्ताधारी दल की पनाह के बिना इस तरह घटना को अंजाम मिलना असंभव है. हामक सिंह जैसे लोग किसके संरक्षण में भर्ती परीक्षाओं का सौदा खुलेआम कर रहा है? यह बड़ा सवाल है. उन्होंने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.वही सीबीआई जांच को लेकर सरकार को घेरा है.साथ ही अन्य दल भी सरकार को पेपर लीक प्रकरण पर घेरने का मन बना चुके है.और लगातार बेरोजगारों के समर्थन में सड़को पर उतर चुके है.

आपको बता दे,बीते शनिवार को एसआईटी ने हरिद्वार के सुल्तानपुर स्थित मुख्य आरोपी खालिद के घर पर दो बार दबिश दी. टीम ने पहले उसके परिजनों से पूछताछ कर कुछ अहम जानकारियां जुटाईं. इसके बाद रात को दोबारा लौटकर संदिग्ध दस्तावेज और डाटा खंगाला. हालांकि, परिजनों से क्या पूछताछ हुई और एसआईटी ने किन दस्तावेजों को खंगाला, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई.सरकार इस मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित कर चुकी है. साथ ही परीक्षा सेंटर के सेक्टर मजिस्ट्रेट और एक एसआई समेत दो पुलिस कर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई कर चुकी है.धामी सरकार ने एस आई टी गठित तो कर दी है.और साथ ही छात्रों से एक महीने में जांच पूरी होने का आश्वासन दिया है.पत्रकार वार्ता में ये भी साफ कर दिया है. की प्रदेश के नौनिहालों का भविष्य व्यर्थ नहीं जाने देंगे। जब तक वह जिंदा हैं, छात्रों को न्याय दिलाना उनकी जिम्मेदारी है.लेकिन इसका असर अभी तक छात्रों के प्रदर्शन में नहीं देखने को मिला, प्रदर्शन जारी है.और सरकार की परेशानी भी अभी कम होने का नाम नहीं ले रही है।