तीसरे चरण में चुनौती पहले और दूसरे चरण के मुकाबले में बड़ी

रणों में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के दो चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके है। अब बारी है तीसरे चरण की जहां 20 फरवरी को वोट डाले जाएगे। तीसरे चरण में चुनौती पहले और दूसरे चरण के मुकाबले में बड़ी है। क्योंकि इस चरण में जिलों की संख्या ज्यादा है। तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होना है । पहले चरण में फोकस जाटलैंड पर रहा। दूसरे चरण में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर वोट पड़े। अब तीसरे चरण में यूपी के तीन हिस्सों – पश्चिमी यूपी , अवध और बुंदेलखंड में चुनाव होने है । जिसे यादव बेल्ट भी कहा जाता है। तीसरे चरण का प्रचार प्रसार थम चुका है। अब 20 फरवरी को जनता तमाम दिग्ग्जों की किस्मत को ईवीएम में कैद करेगी ..
तीसरे चऱण में तमाम सीटें ह़ॉट सीट की श्रेणी में है, सबसे हॉट सीट करहल विधानसभा सीट है । जहां से खुद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने उतर रहे है । लेकिन जीत की राह आसान नहीं होगी क्योंकि अखिलेश यादव का सामना एसपी बघेल से है । करहल यूं तो मुस्लिम बाहुल्य सीट है, लेकिन एसपी बघेल अखिलेश यादव को कड़ी चुनौती देने को तैयार है, वही बात करें कन्नौज विधानसभा सीट की तो यहां से असीम अरूण चुनाव लड़ रहे है। कानपुर के पहले पुलिस कमीश्नर असीम अरूण ने हाल ही में अपनी नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति की दुनिया में कदम रखा और बीजेपी का दामन थाम लिया । असीम अरूण को कन्नौज सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है । वहीं कानपुर की कई सीटों पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई है। कानपुर की 10 सीटों पर चुनाव होना है । कानुपर की महाराजपुर सीट पर बीजेपी के सतीश महाना चुनावी मैदान में है। तो वहीं सीसामऊ सीट पर सपा के इरफान सोलंकी अपनी किस्मत आजमा रहे है । तीसरे चरण में कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी हुई है । अब देखना यह है कि 10 मार्च को चुनाव परिणाम किसके पक्ष मे होते है …
बात करे 2017 के चुनाव परिणाम की तो तीसरे चरण की 59 सीटों में से 49 सीट पर बीजेपी ने अपना कब्जा किया था। सपा के खाते में 8 तो वहां कांग्रेस और बसपा के खाते में 1-1 सीट आई थी । अब 2022 में यूपी में तीसरें चरण का चुनावी संग्राम दिलचस्प होने वाला है। जहां एक तरफ बीजेपी अपनी 2017 में मिली जीत को दोहराने की कोशिश करेगी । तो वहीं सपा – गठबंधन भी अपने पूरे दमखम के साथ बीजेपी को कड़ी टक्कर देने को तैयार है । अब देखना यह है कि 2022 में जनता किसके सिर पर जीत का ताज पहनाती है ।

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