उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , नर्सिंग एकता मंच की ओर से रविवार को प्रेस क्लब में बेरोजगार नर्सिंग अधिकारियों का महासम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें स्पष्ट कहा गया कि यदि नर्सिंग भर्ती वर्षवार नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। पांच सूत्रीय मांगों पर चर्चा की गई। नर्सिंग अधिकारी भर्ती नियमावली में संशोधन करने, भविष्य में सभी भर्तियों को पूर्व की तरह वर्षवार निकाला जाए। मेडिकल कॉलेजों में 690 और स्वास्थ्य विभाग में 350 पदों को भर्ती शीघ्र वर्षवार से निकाली जाए। उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकारों को सुरक्षित करते हुए बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को नर्सिंग भर्ती में फार्म न भरने दिया जाए। पूर्व में चयनित नर्सिंग अधिकारियों को आगामी भर्ती में शामिल न होने दिया जाए।ओवर एज अभ्यर्थियों को भर्ती में छूट दी जाए।इस सम्बन्ध में नर्सिंग एकता मंच की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने खून से पत्र लिख कर अवगत भी कराया लेकिन अभी तक उस पत्र का भी संज्ञान लिया गया जिसके बाद कल बीते सोमवार को नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया को पूर्व की तरह वर्षवार किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर नर्सिंग बेरोजगारों ने दिलाराम चौक पर इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया. लेकिन पुलिस ने उन्हें न्यू कैंट रोड स्थित साला वाला के निकट बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.इसी बीच आगे बढ़ने को लेकर पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की जमकर धक्का मुक्की हो गई. हंगामा बढ़ता देख जब पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग बेरोजगारों को हिरासत में लेने की कोशिश की तभी एक महिला पुलिसकर्मी ने प्रदर्शन में शामिल नर्सिंग बेरोजगार छात्र को थप्पड़ जड़ दिया. इस दौरान दोनों के बीच खूब हाथापाई हुई. अन्य प्रदर्शनकारियों ने पुलिस मारपीट किए जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.वही कांग्रेस ने इसका विरोध किया साथ मौके पर पहुंच कर नर्सिंग एकता मंच अपना समर्थ भी दिया जिसको लेकर भाजपा ने भी कांग्रेस पर तंज कस्ते हुए इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगा दिया है.
लम्बे समय से नर्सिंग एकता मंच अपनी मांगो को लेकर सरकार से गुहार लगा रहा है,जिसका कोई भी परिणाम अभी तक छात्रों के हित में निकलता भी नहीं दिख रहा छात्रों की मांग है. की मेडिकल कॉलेजों में 690 और स्वास्थ्य विभाग में 350 पदों को भर्ती शीघ्र वर्षवार से निकाली जाए। लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, इसे बेरोजगारों में भारी आक्रोश है. उन्होंने वर्तमान नर्सिंग भर्ती विज्ञप्ति व भर्ती पोर्टल को तुरंत निरस्त या बंद किए जाने, आई पी एच एस मानकों के तहत स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग में ढाई हजार पदों पर नई विज्ञप्ति जारी करने और उत्तराखंड मूल के निवासी अभ्यर्थियों को भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने और अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को अलग रखने की मांग की है.प्रदर्शन कर रहे. नर्सिंग बेरोजगारों को हिरासत में लेने की कोशिश की तभी एक महिला पुलिसकर्मी ने प्रदर्शन में शामिल नर्सिंग बेरोजगार छात्रा को थप्पड़ जड़ दिया. इस दौरान दोनों के बीच खूब हाथापाई हुई. अन्य प्रदर्शनकारियों ने पुलिस मारपीट किए जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.दर्शन कर रहे नर्सिंग बेरोजगारों को पुलिस ने एकता विहार स्थित धरना स्थल भेज दिया है.साथ ही कांग्रेस ने अपना समर्थन देते हुए महिला पुलिसकर्मी को सस्पेंड करने की मांग उठाई है.
प्रदेश में उत्तराखण्ड नर्सिंग मंच द्वारा नर्सिंग भर्ती प्रकिर्या को वर्षवार करने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी है, प्रदेश कांग्रेस भी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए दिखाई दे रही थी। जिसको लेकर भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा है उन्होने कहा कि कांग्रेस द्वारा कभी भी कोई नीतिगत निर्णयों को लेकर कभी भी प्रदर्शन नही किया, जहाँ दस बीस आदमी सड़क पर जायेंगे कांग्रेस वहां पहुँच जाती है व केवल भीड़तंत्र के आधार पर ही कार्य करती है कांग्रेस का केवल एक ही लक्ष्य है की माहौल को बिगाड़ कर जनता को पक्ष में करे और चुनाव में लड़े, प्रदेश की दिशा को आगे बढ़ाने के लिए क्या नियम कानून हो इन सबसे कांग्रेस को कुछ भी लेना देना नही है चमोली ने यह भी बताया की जितने भी युवा प्रदर्शन कर रहे है उनकी बातो को गंभीरता से लेने व विचार करने की भी आवश्यकता है।साथ ही सभी विपक्षी दलों ने भी नर्सिंग एकता मंच का समर्थन करते हुए सरकार का विरोध किया है। साथ ही बड़ी संख्या में आज देहरादून पुलिस मुख्यालय पर पहुंच कर कांग्रेस महिला मोर्चे ने घेराव करते हुए नर्सिंग मंच का समर्थन किया।
कुल मिला कर सोमवार को हुई छात्रों और पुलिस की झड़प ने राजनैतिक तूल पकड़ लिया है. जिसको लेकर सभी विपक्षी दल इनकी मांगों पर सरकार के आमने सामने आ गए है. कही ऐसा न हो की राजनीति लड़ाई में इन छात्रों की मांगे मझधार में न फस जाए,खैर प्रदेश में चुनाव आने से पहले कई धरने प्रदर्शन प्रदेश में चलने का सिलसिला काफी लम्बे समय से जारी है.सभी को लगता है.चुनाव आने से पहले लटकी उनकी मांगो को सरकार से पूरा करा लिया जाए,वही धामी सरकार के आगे नए साल आने से पहले ही इस तरह के दबाव आने भी शुरू हो गए है. और विपक्ष को मुद्दे मिलने भी ऐसे में अब देखने वाली बात यही होगी आखिर धामी सरकार चुनाव आने से पहले सभी मुद्दों को सुलझाने में कामयाब होगी या इसका खामियाजा सरकार को चुनाव के दौरान भुगतना पड़ेगा।