कौन किस पर भारी, पंचायत चुनाव जारी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड पंचायत चुनाव में अब बीजेपी ने अपने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया हैं. बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी किसी कीमत पर अपने पाले में लाने में जुट गई है. मंगलवार को टिहरी गढ़वाल जिला पंचायत सीट पर ऐसा ही कुछ देखने को मिला. यहां निर्दलीय प्रत्याशी ऐश्वर्या सजवाण को अपनी प्रत्याशी सोना सजवाण पर भारी पड़ते देख बीजेपी ने वो गेम खेला कि कांग्रेस चारों खाने चित हो गई. उत्तराखंड में पंचायत चुनाव अपने आखिरी चरण की ओर हैं. 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और 84 ब्लॉक प्रमुख चुने जाने हैं. 14 अगस्त को चुनाव हैं. भारतीय जनता पार्टी अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने को लेकर हर वो पैंतरा आजमा रही है, जिससे कांग्रेस की झोली खाली रह जाए. ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को टिहरी जिले में देखने को मिला. यहां पर बीजेपी ने अपने हाथों से जीत खिसकती देख अपने प्रत्याशी का नाम वापस करवा दिया. कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को बीजेपी में शामिल करवा दिया. मंगलवार को पूरे प्रदेश में इस घटना की काफी चर्चाएं हुईं. दरअसल टिहरी जिले में जिला पंचायत सदस्य की बीजेपी ने 13 सीटों पर जीत हासिल की थी. यहां पर बहुमत के लिए 23 का आंकड़ा बीजेपी को चाहिए था. कांग्रेस ने अपने जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में निर्दलीय प्रत्याशी ऐश्वर्या सजवाण को समर्थन दिया था. यह मानकर चला जा रहा था कि बीजेपी की तरफ से पिछले दो बार से जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण प्रत्याशी रहेंगी. सोना ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भी किया. लेकिन नाम वापसी की आखिरी तारीख से पहले बीजेपी ने पूरा सियासी खेल पलट दिया. बीजेपी समर्थित प्रत्याशी सोना सजवाण ने नाम वापस ले लिया और बीजेपी ने कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी ऐश्वर्या सजवाण जिनके नॉमिनेशन में खुद कांग्रेस विधायक विक्रम नेगी मौजूद थे, उनको अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया. इस तरह से टिहरी में जहां कांग्रेस मजबूत नजर आ रही थी, बीजेपी ने उसके मुंह से जीत का का निवाला छीन लिया. राजनीतिक गलियारों में बीजेपी के इस सियासी दांव पेंच की काफी चर्चाएं हो रही हैं. वही कांग्रेस ने बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है।

उत्तराखंड पंचायत चुनाव में बीजेपी ने अपने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी हैं. बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी अपने पाले में लाने में जुट गई है. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया अभी जारी है और लगातार बीजेपी बढ़त की ओर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि सोमवार तक हमारे चार जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध जीतकर आ गए थे. वहीं अब यह संख्या पांच हो चुकी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ब्लॉक प्रमुख में भी 11 सीटों पर सोमवार तक बीजेपी निर्विरोध जीत चुकी थी. अब ये संख्या 17 हो चुकी है. इस तरह से बीजेपी ज्यादातर सीटों पर निर्विरोध चुनाव जीत रही है और जहां पर चुनाव की स्थिति आएगी, वहां पर भी बीजेपी जीत कर आएगी. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बीजेपी पर स्पष्ट तौर से आरोप लगाया है कि बीजेपी के लिए मात्र एक चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है. चाहे इसके लिए नैतिकता के कितने भी निचले स्तर पर उतरना पड़े. उन्होंने कहा जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव हो रहे हैं. इसमें स्पष्ट तौर पर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. क्योंकि पूरे प्रदेश ने देखा है कि पंचायत चुनाव के परिणाम में बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय के बाद तीसरे स्थान पर थी. लेकिन अब जिस तरह से खरीद फरोख्त और दबाव की राजनीति के साथ बीजेपी लगातार अपने जिला पंचायत अध्यक्ष बना रही है, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में सत्ता का कितना दुरुपयोग किया जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता का कहना कि अभी हाल ही में उत्तरकाशी के धराली में इतनी बड़ी आपदा आई थी, जिसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पैदल ग्राउंड जीरो तक गए. लेकिन बीजेपी केवल अपने राजनीतिक मकसद के लिए जोड़ घटाव और खरीद फरोख्त की राजनीति में लगी हुई थी. उन्हें आपदा पीड़ितों से कोई लेना-देना नहीं है।

वही उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के द्वारा जिला पंचायतों के अध्यक्ष पद का आरक्षण नियमावली के तहत न किए जाने के मामले में कल उधम सिंह नगर के जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार जितेंद्र शर्मा की याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा है कि चुनाव की समस्त प्रक्रिया जारी रहेंगी. लेकिन उधमसिंह नगर जिले का चुनाव परिणाम घोषित नही होगा। जो याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 27 अगस्त की तिथि नियत की है। आपको बता दे कि जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार जितेंद्र शर्मा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में जो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए हैं। वह 2011 की जनगणना के आधार पर कराएं हैं। जबकि प्रदेश में वर्तमान समय में ओबीसी की सबसे अधिक जनसंख्या जिला हरिद्वार प्रथम स्थान पर और  उत्तरकाशी दूसरे नम्बर पर है। उधम सिंह नगर व देहरादून चौथे स्थान पर है। अगर सरकार शासनादेश के अनुरूप आरक्षण तय करती है तो यह आरक्षण की सीट हरिद्वार व उत्तरकाशी को जाती। लेकिन सरकार ने 13 जिलों का आरक्षण का आंकलन तो किया हरिद्वार में चुनाव नही कराए। याचिका में कहा गया है कि किस आधार पर सरकार ने आरक्षण का आंकलन कर दिया। इसलिए इसपर रोक लगाई जाए, और फिर नियमों के तहत आरक्षण का रोस्टर जारी किया जाए।

पंचायत चुनाव को लेकर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है ,विपक्षियो का मानना है अब जो जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव हो रहे हैं, उसमें स्पष्ट तौर पर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. क्योंकि पूरे प्रदेश ने देखा है कि पंचायत चुनाव के परिणाम में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय के बाद तीसरे स्थान पर थी. लेकिन अब जिस तरह से खरीद फरोख्त और दबाव की राजनीति के साथ भाजपा लगातार अपने जिला पंचायत अध्यक्ष बना रही है, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में सत्ता का कितना दुरुपयोग किया जा रहा है.भाजपा भी चुनाव प्रक्रिया और लगातार भाजपा बढ़त की ओर अति उत्साहित है. भाजपा के चार जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध जीतकर आगे बढ़त बनाए है. वहीं अब यह संख्या पांच हो चुकी है. इसके अलावा  ब्लॉक प्रमुख में भी 11 सीटों पर सोमवार तक भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है . अब ये संख्या 17 हो चुकी है. इस तरह से भाजपा ज्यादातर सीटों पर निर्विरोध चुनाव जीत रही है.भाजपा का ये भी दावा है की और जहां पर भी चुनाव की स्थिति आएगी, वहां पर भी बीजेपी जीत कर आएगी.