उत्तराखण्ड में लगातार बादल फटने की घटना जारी है। आज तड़के चमोली जिले के कई गांवों में बादल फटने से बाढ़ आ गई. जिससे कई घर मलबे में बह गए हैं। जानकारी के मुताबिक रात ढाई बजे नंदा नगर के फाली कुंतरी, सैंती कुतरी गांव, भैंसवाड़ा और धुर्मा गांव में बादल फटा है.35 से ज्यादा मकान जमीन दौज हो गए है. जिसमे अभी तक 14 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इन गांवों में कई मकान मलबे में बह गए हैं। जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। मलबे से 2 लोगों को बचा लिया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जिले के 2 गांवों से 14 लोग लापता हैं। यहां 2 लोगों को मलबे से बचाया गया है। सड़कों को भी काफी नुकसान हुआ है. जिससे राहत और बचाव टीम को मौके तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल 3 एंबुलेंस और मेडिकल टीम मौके पर पहुंच गई है। नंदा नगर में मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से भी लोगों में दहशत बनी हुई है। जिसको लेकर धामी सरकार के सामने चुनौतियो का अम्बार खड़ा हो गया। तो दूसरी ओर आपदा में विपक्ष ने सरकार व नौकरशाही के तालमेल पर सवाल खड़े कर दिए है। वही प्रदेश में बढ़ते अतिक्रमण को आपदा की वजह मानते हुए विपक्ष ने सरकार पर हल्ला बोला है.
उत्तराखंड में लगातार बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही है. जिसके चलते चमोली में नगर पंचायत नंदा नगर के वार्ड कुन्तरि लगा फाली में बादल फटने के कारण मलबा आने से कई मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। साथ ही दस लोग लापता हैं और दो लोगों को बचा लिया गया है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। साथ ही धुर्मा गांव में भी भारी बारिश के कारण मकानों को नुकसान पहुंचा है। उधर देहरादून जिले में आज सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। दरअसल उत्तराखंड में बारिश जाते जाते कहर बरपा रही है। एसडीआरएफ टीम नंदप्रयाग पहुँच गयी है. एनडीआरएफ भी नन्द प्रयाग के लिए गोचर से नन्द प्रयाग को रवाना हो चुकी है। मेडिकल टीम, तीन 108 एम्बुलेंस मौके पर रवाना कर दी गयी हैं। नंदानगर तहसील के धुर्मा गावं मे भी भारी वर्षा के कारण पांच मकानों की क्षति की सूचना प्राप्त हुई है जनहानि नहीं है मोक्ष नदी का जलस्तर बड़ा है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि बुधवार रात चमोली जिले के नंदानगर घाट इलाके में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। नंदा नगर के कुंत्री लांगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। तहसील घाट नंदानगर में अतिवृष्टि से कुल 14 लोगों के लापता होने की सूचना है. जिसमें कुंतरी लगा फाली में आठ और धुरमा में दो लोग लापता हैं। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रदेश में आ रही आपदाओं पर समीक्षा का दौर जारी है।
बता दे उत्तराखण्ड में मौसम का कहर लगातार जारी है। जिसमे बड़ी आपदाओं की बात करे तो धराली से शुरू होकर थराली तक जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ। बीते दिनों देहरादून में सहस्त्रधारा कार्लीगाड क्षेत्र में देर रात बादल फटने से काफी नुकसान हो गया था. जिसमे कई दुकानें पानी की तेज धारा में बह गईं। करीब 100 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया था। मालदेवता में पुल की एप्रोच रोड टूट गई है। उफनाई नदियों ने देहरादून का प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर को भी काफी नुकसान पहुंचा दिया था. जिससे लोगों को दहशत में डाल दिया है। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी उफान पर है। एसडीआरएफ ने नदी में फंसे तीन लोगों को रेस्क्यू किया है। वहीं देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय मार्ग पर फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के नजदीक स्थित पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी भी जुटी हुई है. जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। वही विपक्ष ने प्रदेश में आ रही आपदाओं पर सरकार द्वारा गम्भीरता से न लेने पर सवाल खड़े कर दिए है।
इस साल 2025 में भी बारिश ने उत्तराखंड को गहरे जख्म दिए हैं.बादल फटने की हुई देर रात घटना के बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का गहनता से जायजा लिया. चमोली पुलिस एवं प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने एवं आवश्यक राहत सामग्री वितरित करने के लिए निरंतर कार्यरत है.अब तक प्रदेश में आपदाओं से कितना नुकसान हो चुका है इसका अंदाजा लगाना अभी सही नहीं होगा हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दौरान प्रदेश को राहत पैकेज में 1200 करोड़ की घोषणा की है.जो प्रदेश पर लगे गहरे जखमो के लिए न गुजरा है.साथ ही हर बार दैविक आपदाओं के बाद प्रदेश में राजनीति भी जम कर देखने को मिलती है.लेकिन इस आपदा की घड़ी में जरूरत है. सभी को प्रदेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की.क्योकि ये प्रदेश दैविक आपदाओं से विकास की राह से कई साल पीछे चला जा रहा है.
उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट