उत्तराखंड में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के लिए केंद्र सरकार की टीम देहरादून पहुंच गई है, टीम ने सबसे पहले आपदा से हुए नुकसान को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव व संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ ख़ास बैठक कर जानकारी ली उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, नैनीताल जिलों में काफी नुकसान देखने को मिला है। प्रदेश सरकार की ओर से नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार से आपदा मद की मांग की गई है। प्रदेश सरकार ने प्राथमिक स्तर पर नुकसान का आकलन कर केंद्र सरकार को भेज दिया था. अब केंद्र की सात सदस्यीय टीम प्रदेश के इन सभी जिलों का दौरा करेगी। केंद्र की ओर से आई टीम दो ग्रुपों में विभिन्न जिलों का दौरा करेगी और अधिकारियों के साथ बैठक कर नुकसान का आकलन करेगी। आपको बता दें कि मानसून सीजन के दौरान लगातार बारिश का दौर जारी है विभिन्न इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की वजह से काफी नुकसान हो गया है. प्रदेश सरकार की ओर से प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। प्रभावितों को उचित मुआवजा और उनका सही तरीके से विस्थापन हो इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। अब केंद्र की ओर से क्षति का आकलन हो जाने के बाद जो धनराशि जारी की जाएगी उससे प्रभावित क्षेत्र का विकास होगा और वहां पर फिर से स्थिति को सामान्य करने में मदद मिलेगी। वही सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी 11 सितंबर तक आपदा ग्रस्त इलाकों का दौरा कर सकते है। वही विपक्ष ने केंद्र व राज्य सरकार की बीजेपी सरकार पर उत्तराखंड में आई आपदा पर अनदेखी का आरोप लगाया है।
उत्तराखण्ड राज्य में इस बार भारी बारिश और भूस्खलन के चलते भारी नुकसान हुआ है. जिसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से आर्थिक मदद के लिए कहा था और राज्य की तरफ से बताया गया था कि आपदा में लगभग 2000 करोड़ का नुकसान हुआ है और केंद्र सरकार से तकरीबन 5700 करोड़ का पैकेज देने के लिए ज्ञापन दिया गया था। उसी को लेकर मंत्रालय की केंद्रीय टीम आज देहरादून पहुंची और इस दौरान टीम ने विभिन्न जनपदों में आपदा से हुई क्षति का आकलन किया। इसके साथ साथ टीम को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने टीम को आपदा से हुई क्षति के बारे में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। इसके बाद यह टीम धरातल पर स्थिति का जायजा लेने के लिए देहरादून से निकल गई है। अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर व नैनीताल का भ्रमण करेगी। इस टीम का नेतृत्व आर. प्रसना, संयुक्त सचिव गृह मंत्रालय कर रहे हैं। टीम के साथ अन्य छह सदस्य भी रहेंगे, जिनमें अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह, निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह शामिल हैं।
वही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार पर उत्तराखंड में आई आपदा के मामले में राज्य की घोर उपेक्षा पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से राज्य में आपदाओं के कारण हुई जनहानि व धन हानि पर तत्काल श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि जून महीने से ही उत्तराखंड में आपदाओं का दौर शुरू हो गया था और कांग्रेस ने तभी राज्य सरकार को चेता दिया था कि बड़ी आपदाओं के लिए राज्य की सरकार तैयार रहे. और प्रदेश के आपदा प्रबंधन तंत्र को चुस्त दुरुस्त करते हुए अलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दे. लेकिन जुलाई अगस्त आते आते पूरे राज्य को आपदाओं ने घेर लिया और यमुनोत्री केदारनाथ धामों में चट्टानें और बोल्डर गिरने से व बद्रीनाथ धाम में अलकनंदा में यात्री गाड़ी गिरने से लोगों की मौत हुई और इसी बीच केदारनाथ में पांच हैली दुर्घटनाओं में भी लोगों की जान गई. लेकिन राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन तंत्र पंगु बना रहा। गरिमा ने कहा कि पांच अगस्त को उत्तरकाशी के धराली व हरसिल में जो भयंकर आपदा आई उसने 2013 के जख्म हरे कर दिए और बड़ी जनहानि हुई और पूरा धराली तबाह हो गया। पौड़ी की अनेक क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं में अनेक लोगों की मौत हुई और बड़े पैमाने पर लोगों के घर बार दुकानें खत्म हो गई। चमोली के थराली देवाल और रुद्रप्रयाग जिले के अनेक क्षेत्रों में बादल फटने व भूस्खलन से व्यापक तबाही हुई व लोगों की जान चली गई। उत्तरकाशी जिले के नौगांव में बादल फटने की घटना से व्यापक तबाही हुई। कुमायूं के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में व अल्मोड़ा तथा नैनीताल में भी अति वृष्टि से भारी नुकसान हुआ। जिसका आकलन जल्द से जल्द किया जाए. जिससे पीड़ित लोगों को राहत मिल सके।
सम्भवता अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही उत्तराखंड के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। आपदा में हुए भारी नुकसान के बीच राज्य ने केंद्र से 5702 करोड़ की विशेष सहायता मांगी है। राज्य में पांच अगस्त को उत्तरकाशी के धराली से शुरू हुआ आपदाओं का सिलसिला अब तक अनवरत जारी है.बादल फटने, भूस्खलन और भू-धंसाव की वजह से सैंकड़ों गांवों को नुकसान हुआ है। तमाम लोग आज भी राहत शिविरों में जीवन काट रहे हैं। इस बीच सोमवार को केंद्रीय टीम भी प्रदेश के आपदाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के लिए उत्तराखंड आ गई है। जो अब राज्य सरकार के साथ मिल कर आपदा में हुए अब तक के पुरे नुकसान का अकड़ा केंद्र सरकार को प्रस्तुत करेगी।