आपदा का क़हर टुटा,भगवान भी नहीं छूटा !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के देहरादून में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा पर बादल फटने से बाढ़ आ गई. जिससे होटल दुकानें बह गईं और कई लोग लापता हो गए. जबकि मानसून की विदाई शुरू हो चुकी है. लेकिन ये घटनाएं दिखाती हैं कि मौसम अब भी खतरनाक रूप दिखा रहा है.जिसके चलते सहस्त्रधारा के मुख्य बाजार में मलबा आने की वजह से तीन बड़े होटल और कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। यह घटना देर रात साढ़े 11 बजे की है। कार्डीगढ़ में बादल फटने के बाद मुख्य बाजार में बड़े पैमाने पर मलबा आ गया। करीब 100 लोग बाजार में फंस गए थे जिन्हें गांव वालों ने सकुशल बचा लिया है। दूसरी ओर आईटी पार्क के पास भी बड़ी मात्रा में मलबा आ गया। इससे सांग नदी का जलस्तर बढ़ गया। पुलिस ने आसपास रहने वालों को सतर्क कर दिया है। देर रात 12 बजे आईटी पार्क के पास मलबा आने पर बचाव अभियान चलाया गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। अभी तक किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है। लेकिन इस बारिश से इंसान तो क्या भगवान के दर तक खतरा मंडरा रहा है.साथ आपदा को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने मोर्चा संभाल लिया है. वही प्रधानमंत्री सहित ग्रह मंत्री ने हर सम्भव मदद का आश्वासन प्रदेश की सरकार को दिया है. प्रदेश में भारी बारिश के चलते चारधाम यात्रा सरकार के लिए करना भी बड़ी चुनौती बन गया है। यमुनोत्री के निर्दलीय विधायक संजय डोभाल ने चारधाम यात्रा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिये है।

उत्तराखंड में मौसम का कहर अभी भी लगातार जारी है। देहरादून में सहस्त्रधारा कार्लीगाड क्षेत्र में देर रात बादल फटने से काफी नुकसान हो गया है। कई दुकानें पानी की तेज धारा में बह गईं। करीब 100 लोगों को रेस्‍क्‍यू कर बचाया गया है। दो लोगों की तलाश की जा रही है। बादल फटने के बाद देहरादून के सभी स्‍कूल आज के लिए बंद कर दिए गए हैं। मालदेवता में पुल की एप्रोच रोड टूट गई है। उफनाई नदियों ने देहरादून का प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर को भी काफी नुकसान पहुंचाया है. जिससे लोगों को दहशत में डाल दिया है। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी उफान पर है। एसडीआरएफ ने नदी में फंसे तीन लोगों को रेस्क्यू किया है। वहीं देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय मार्ग पर फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के नजदीक स्थित पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। एनडीआरएफ के साथ एसडीआरएफ की टीमें रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में जुट गई हैं। घटना में कुछ दुकानें बह गई हैं लेकिन जान माल की हानि नहीं हुई है। दो लोग मिसिंग हैं जिनकी खोजबीन की जा रही है। जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना स्थलों का दौरा किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सहस्त्रधारा में देर रात हुई अतिवृष्टि से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचने की दुखद सूचना प्राप्त हुई है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हूं और स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहा हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।वही सरकार के मंत्री भी अब मान रहे है की आपदा का कारण बढ़ता अतिक्रमण है.जिस पर रोक लगाई जायेगी।

वही चारधाम यात्रा को लेकर यमुनोत्री के निर्दलीय विधायक संजय डोभाल ने प्रेसवार्ता कर कहा है कि चारधाम यात्रा सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित नहीं है. बल्कि इसके पीछे सरकार की सुनियोजित साजिश भी है। उनका आरोप है कि मास्टर प्लान लागू नहीं किया गया, रोपवे का काम धीमी गति से चल रहा है और श्रद्धालुओं को हर 10–20 किलोमीटर पर चेकिंग के नाम पर परेशान किया जा रहा है. ताकि उनकी यात्रा का अनुभव खराब हो। डोभाल ने कहा कि 2024 की बारिश से यमुनोत्री धाम और जानकी चट्टी आपदा की चपेट में आए थे, लेकिन आज तक सुरक्षात्मक कार्य शुरू नहीं किये गए। हालिया आपदा के बाद भी सड़कों और पुलों की मरम्मत नहीं की गई है। संजय डोभाल ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मनमाने तरीके से कार्रवाई करती है. और स्थानीय नेताओं की शह पर काम करती है। उन्होंने नौकरशाही पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है और जिला स्तर पर प्रस्तावों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। डोभाल का आरोप है कि उत्तरकाशी में भ्रष्टाचार चरम पर है।

आपको बता दे ,अब तक इस मानसून में प्रदेश को बड़ा नुकसान हो चला है। आपदा में हुए भारी नुकसान के बीच राज्य ने केंद्र से 5702 करोड़ की विशेष सहायता मांगी है। राज्य में पांच अगस्त को उत्तरकाशी के धराली से शुरू हुआ आपदाओं का सिलसिला अब तक अनवरत जारी है.बादल फटने, भूस्खलन और भू-धसाव की वजह से सैंकड़ों गांवों को नुकसान हुआ है। तमाम लोग आज भी राहत शिविरों में जीवन काट रहे हैं। आगे भी मौसम की चेतावनी जारी है। जिसमे देहरादून, चमोली, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है. साथ ही गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमक सकती है.वहीं, राज्य के बाकी जिलों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने के साथ ही बारिश की तेज बौछार पड़ने की संभावना है. जिसे लेकर येलो अलर्ट मौसम विभाग की ओर से जारी किया गया है.जिसमे आगे भी आपको सचेत रहने की बहुत आवश्यकता है। 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट