अफसरों का प्रवास ,गांव-गांव विकास  !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम धामी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को गांव-गांव जाकर ग्रामीणों की समस्याओं को जानने और सरकारी योजनाओं की हकीकत जानने के आदेश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी राज्य के सभी 95 ब्लॉकों में जाकर भ्रमण करेंगे। यहां वे गांवों की स्थिति देखेंगे और प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं का परीक्षण करेंगे। सभी अधिकारी महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही ब्लॉक स्तर पर होने वाली महत्वपूर्ण बैठकों में भी प्रतिभाग करेंगे।इस बीच मुख्यमंत्री के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाएं है। विपक्ष का तर्क है कि पहले भी सीएम धामी अपने कैबिनेट मंत्रियों को गांव-गांव जाकर रात्रि प्रवास करने और ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के साथ ही जनता दरबार लगाने जैसे कई निर्देश दिये हैं। जिसका धरातल पर कोई असर देखने को नहीं मिला है। इतना ही नहीं कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए कोई तैयारी नहीं की है। सरकार का ध्यान सिर्फ सुर्खियां बटोरने में है. धरातल पर नहीं. आपको बता दें कि सीएम धामी शीतकालीन चारधाम यात्रा का शुभारंभ कर चुके हैं। इसके चलते अब 12 महीने प्रदेश में चारधाम यात्रा गतिमान रहेगी. हालांकि विपक्ष सरकार पर बिना तैयार यात्रा शुरू करने का आरोप लगा रहा है। सवाल ये है कि क्या बिन तैयारी यात्रा की हुई है शुरुआत, क्या मुख्यमंत्री के आदेश का अधिकार करेंगे पालन, आखिर क्यों जनता दरबार से मंत्रियों ने पीछे खींचे हैं हाथ

उत्तराखंड शासन के बड़े अधिकारी अब जल्द ही गांव गांव जाकर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करते हुए नजर आएंगे. साथ ही गांव में रात्रि प्रवास करते हुए नजर भी आएंगे.दअरसल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को गांव-गांव जाकर ग्रामीणों की समस्याओं को जानने और सरकारी योजनाओं की हकीकत जानने के आदेश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागों को प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी राज्य के सभी 95 ब्लॉकों में जाकर भ्रमण करेंगे। यहां वे गांवों की स्थिति देखेंगे और प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं का परीक्षण करेंगे। हालांकि विपक्षी दल मुख्यमंत्री के इस फैसले को हवा हवाई बताते हुए सीएम धामी को उनके ही पहले के फैसले याद दिलाते हुए उसके अनुपालन ना होने का स्मरण करा रहे हैं।

आपको बता दें कि पहाड़ों में जारी हिमपात और शीतकालीन यात्रा के प्रारंभ के बीच मुख्यमंत्री ने शासन के अधिकारियों गांव में रात्रि प्रवास के निर्देश दिये हैं। बता दें कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाईफलाईन है। प्रदेश की आर्थिकी में इस यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा प्रदेश की बड़ी आबादी इस यात्रा से जुड़ी हुई है। यही वजह है कि अब सरकार 12 महीने इस यात्रा को संचालित कर रही है। वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने शीतकालीन यात्रा के लिए धरातल पर कोई तैयारी नहीं की है। शीतलहर से बचाव के साथ ही जाम से निपटने और स्वास्थ्य सेवाओं में स्टाफ की कमी को दूर नहीं किया गया है

कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब गांवों में जाकर अपर सचिव स्तर के अधिकारी ग्रामीणों की समस्याओं को जानेंगे, उनका समाधान करेंगे. साथ ही सरकार की योजनाओं की हकीकत भी जानेंगे. हालांकि अब सवाल ये है कि क्या शीतलहर और हिमपात के बीच अधिकारी पहाड़ चढ़ने को तैयार होंगे, क्या बिना तैयारी के सरकार ने यात्रा शुरू की है.

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