उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन धामी सरकार ने सदन में बजट पेश किया विकसित भारत-विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य के साथ सदन में सरकार ने बजट पेश किया। धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89230.07 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सरकार ने बजट में गरीब,किसान, महिला वर्ग को विशेष प्रावधान किया है। सरकार ने बजट को ऐतिहासिक बताया है जबकि विपक्ष ने बजट को निराशाजनक बताया है। वही एक तरफ जहां सरकार ने देहरादून में राज्य का बजट पेश किया तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने देहरादून में बजट सत्र कराने का विरोध किया। सरकार के इस फैसले के विरोध में कांग्रेस ने गैरसैण में प्रतीकात्मक सत्र का आयोजन किया। कांग्रेस का कहना है कि राज्य आंदोलन के समय से आंदोलनकारी गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण मे विधानसभा भवन सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हुए वहां सत्र किए। लेकिन धामी सरकार अब ठंड के नाम पर वहां सत्र करने से परहेज कर रही है। ऐसे में कांग्रेस गैरसैंण में जन भागीदारी से प्रतीकात्मक विधानसभा का आयोजन कर भू-कानून, अंकिता हत्याकांड, बेरोजगारी, महिला अपराध, पलायन, बिगड़ती कानून व्यवस्था, भर्ती घोटाले, अग्निवीर भर्ती समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की। आपको बता दे कि धामी सरकार ने पक्ष विपक्ष के विधायकों द्वारा पत्र लिखकर सत्र गैरसैंण की बजाय देहरादून में कराने के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सत्र देहरादून में कराने का फैसला लिया जिसपर अब बवाल छिड़ गया है। सवाल ये है कि क्या सत्र गैरसैँण में करने से गैरसैँण का विकास होगा या फिर गैरसैँण सिर्फ एक राजनीति का मुद्दा भर रह गया है।
लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार ने बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में बजट पेश किया विकसित भारत-विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य के साथ सदन में सरकार ने बजट पेश किया। धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 89230.07 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सरकार ने बजट में गरीब,किसान, महिला वर्ग को विशेष प्रावधान किया है। सरकार ने बजट को ऐतिहासिक बताया है जबकि विपक्ष ने बजट को निराशाजनक बताया है।
वही एक तरफ जहां सरकार ने देहरादून में राज्य का बजट पेश किया तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने देहरादून में बजट सत्र कराने का विरोध किया। सरकार के इस फैसले के विरोध में कांग्रेस ने गैरसैण में प्रतीकात्मक सत्र का आयोजन किया। कांग्रेस का कहना है कि राज्य आंदोलन के समय से आंदोलनकारी गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण मे विधानसभा भवन सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हुए वहां सत्र किए। लेकिन धामी सरकार अब ठंड के नाम पर वहां सत्र करने से परहेज कर रही है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले बजट सत्र पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने सत्र के दौरान सदन से सड़क तक सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की है। वही कांग्रेस विधायको ने जहां सदन के भीतर बदहाल कानून व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा तो वही दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं ने गैरसैंण में प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र आयोजित कर सरकार को गैरसैँण के मुद्दे पर घेरा सवाल ये है कि क्या सत्र गैरसैँण में करने से गैरसैँण का विकास होगा या फिर गैरसैँण सिर्फ एक राजनीति का मुद्दा भर रह गया है।