श्रद्धालुओं की संख्या भारी ,कड़े नियम बनाने की तैयारी ! 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में हुए हादसे के बाद राज्य सरकार ने बना निर्णय लिया है। प्रदेश भर के सभी पर्यटक और धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन की व्यवस्थाएं बनाई जाएगी।धार्मिक स्थलों की धारण क्षमता के आधार पर पंजीकरण व्यवस्था बनाए जाने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलायुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। यह समिति प्रदेश के सभी बड़े पर्यटक स्थल और धार्मिक स्थलों का परीक्षण करेगी। जिसके बाद इन स्थलों पर पंजीकरण समेत अन्य व्यवस्थाएं लागू होगी। आपको बता दे की बीती 27 जुलाई रविवार की सुबह हरिद्वार में एक दुर्घटना हुई थी. अलग-अलग राज्यों से आए भक्त बिल्व पर्वत पर स्थित विश्व प्रसिद्ध मनसा देवी दर्शन करने जा रहे थे. मंदिर का गेट बंद हुआ और मंदिर के समीप दुकानों के पास लोगों की भीड़ पर दुकानदारों ने डंडे बरसाए जिसके बाद भगदड़ में आठ लोगों ने अपनी जान गवा दी जबकि तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. राहत बचाव दल ने सभी घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया तो वहीं गंभीर रूप से घायल लोगों को हायर सेंटर रेफर किया गया.घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार जिला अस्पताल में घायलों का हालचाल जानने पहुंचे और घटना की जांच के आदेश दिए. अब तक हरिद्वार में भगदड़ की कई घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें जांच के आदेश तो हुए लेकिन भगदड़/दुर्घटना के जिम्मेदार को आज तक सजा मिलने की बात सुनने को नहीं मिली है. हरिद्वार में कब-कब भगदड़ हुई, ये सभी जानते हैं…इस व्यवस्था को लेकर विपक्ष प्रदेश में आने वाले आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सरकार से जवाब मांग रहा है।

हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब बड़ा निर्णय लिया है ताकि भविष्य ने इस तहर के हादसे फिर कभी न हो और सरकार हो या प्रशसन अलर्ट रहे जिसके चलते कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मनसा देवी मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिर परिसरों के सुनियोजित विकास,धारणा क्षमता और दुकानों का प्रबंधन करने के निर्देश दिए है। ताकि भविष्य में मनसा देवी मंदिर जैसी घटना न  घटित हों। उन्होंने बताया कि प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के पंजीकरण की व्यवस्था भी लागू की जाएगी। इसके साथ ही मंदिरों के आसपास अतिक्रमण भी हटाया जाएगा। इससे भीड़ नियंत्रण में रहेगी और श्रद्धालुओं को असुविधा नहीं होगी। 

ये प्रदेश है के प्रसिद्ध मंदिर जहा पर होती है भारी भीड़

चंडी देवी मंदिर हरिद्वार

मनसा देवी मंदिर हरिद्वार 

नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश पूर्णागिरी मंदिर टनकपुर

गिरिजा माता मंदिर रामनगर

सुरकंडा देवी मंदिर टिहरी गढ़वाल

बाबा नीम करोली मंदिर नैनीताल

कसार देवी मंदिर अल्मोड़ा

जागेश्वर धाम मंदिर अल्मोड़ा

मनसा देवी मंदिर की भगदड़ में आठ श्रद्धालुओं की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद राजनीति तेज हो गई है। घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन मेहरा ने प्रशासन पर पूरी तरह नाकाम होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भीड़‑प्रबंधन के नाम पर सरकार सिर्फ़ धार्मिक आयोजनों को वोट‑बैंक की तरह देख रही है। मेहरा ने दावा किया कि मंदिर परिसर में करंट फैलने के सबूत उनके पास मौजूद हैं और न्यायिक (सिटिंग जज) जांच कराई जानी चाहिए।साथ ही कावड़िए जिस मटके में जल लेकर जाते है बिना जांच कुछ भी लाया‑ले जाया जा सकता है, आतंकवादी तक घुल-मिल सकते हैं।वही भाजपा ने विपक्ष के सवालों का कटाक्ष किया है। साथ ही ऐसी घटनाओं पर राजनीति न करने की सहला भी विपक्षी पार्टियों को दी। 

इन सभी दुर्घटनाओं के बाद उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन तो हुआ लेकिन परिणाम आज तक सामने नहीं आया और ना ही दुर्घटना के जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई हुई. साल 2025 में मनसा देवी पर हुई भगदड़ में 8 लोग काल के ग्रास में समा गए जबकि तीन दर्जन के लगभग लोग घायल हुए. दुर्घटना में घायल हुए गंभीर लोगों को हायर सेंटर रेफर किया गया और जांच कमेटी बनाई गई. अब देखना यह होगा कि मनसा देवी भगदड़ में गठित कमेटी इस पूरे प्रकरण के दोषियों को सजा दिला पाएगी या फिर यह मामला भी इतिहास बनकर रह जाएगा.और सरकार के द्वारा बनाये जा रहे भविष्य की घटनाओं को रोकने को लेकर नियम व कानून आने वाले समय पर कितने कारगर साबित होंगे।