मंत्रिमंडल का विस्तार, विशेष सत्र आगाज ! 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में जल्द ही विस्तार की संभावना है, जिसमें कुछ नए विधायकों को शामिल किया जा सकता है. और दो मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी देने के लिए कैबिनेट से हटाया जा सकता है. ताकि लोकसभा क्षेत्र के आधार पर संतुलित प्रतिनिधित्व किया जा सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में प्रस्तावित विस्तार में जहां नए विधायकों को मौका मिलेगा, वहीं कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी हाईकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले वर्तमान मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी कर रहा है। यदि अंतिम क्षणों तक कोई बड़ा बदलाव न हुआ तो दो मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन में काम करने की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बार कैबिनेट में संतुलित रूप देने के लिए लोकसभा वार प्रतिनिधित्व देने के फॉर्मूले पर काम किया जा रहा है। फार्मूला हर लोकसभा क्षेत्र से दो-दो विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान देने का है। बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्र भी इस फार्मूले की पुष्टि कर रहे हैं। धामी मंत्रिमंडल में पिछले काफी समय से मंत्रियों के पांच पद खाली हैं। अभी कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के मंत्रिमंडल विस्तार के संकेतों के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय में विधायक लगातार मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड गठन की रजत जयंती पर नवंबर में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। जिसमे दो दिन के इस सत्र में प्रदेश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी।

उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर पार्टी सूत्रों के अनुसार गढ़वाल-कुमाऊं के क्षेत्रीय संतुलन की बजाए इस बार बीजेपी लोकसभा क्षेत्र वार प्रतिनिधित्व देने के पक्ष में है। सूत्रों के अनुसार फौरी तौर पर जो बात आई है, उसके तहत हर लोकसभा क्षेत्र से दो-दो लोगों को प्रतिनिधित्व देने पर सहमति बनी है। इनमें भी बड़े जिलों को ज्यादा स्पेस मिल सकता है। बता दे राज्य के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या के आधार पर मंत्रिमंडल का आकार मुख्यमंत्री समेत 12 सदस्यों का हो सकता है। लोकसभा क्षेत्र वाले फार्मूले के अनुसार वर्तमान में धामी कैबिनेट संतुलित नहीं है। वर्तमान में पौड़ी लोकसभा क्षेत्र का पलड़ा कुछ ज्यादा भारी है। यहां से सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल और धन सिंह रावत को शामिल करते हुए तीन मंत्री हैं। जबकि टिहरी लोकसभा क्षेत्र से गणेश जोशी और नैनीताल से सौरभ बहुगुणा के रूप में एक-एक ही प्रतिनिधि है। इधर अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र को देखा जाए तो मुख्यमंत्री धामी को शामिल करते हुए उनके साथ काबीना रेखा आर्य अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व जीरो है। कुछ समय पहले तो वित्त मंत्री के रूप में ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल हरिद्वार कोटे के मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल थे। लेकिन मार्च में विधानसभा सत्र में हुए विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बाद से ही मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय और सचिवालय में विधायकों की आवाजाही बढ़ गई है। बीते रोज भी कई विधायकों ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की थी।

वही उत्तराखंड गठन की रजत जयंती पर नवम्बर में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। दो दिन के इस सत्र में प्रदेश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने थराली के आपदा प्रभावितों के लिए धराली की तर्ज पर विशेष राहत और पुनर्वास पैकेज तैयार करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में आपदा प्रबंधन, प्रशासनिक सुधार और स्थानीय स्तर पर सेवा वितरण को प्रभावी बनाने को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री धामी ने थराली की आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने और पुनर्वास कार्यों को युद्धस्तर पर प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोशीमठ में भी राहत और पुनर्निर्माण के कार्यों को जल्द शुरू करने के साथ अधिकारियों से कहा कि प्रभावित परिवारों की पीड़ा को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए। बैठक में तय किया गया कि नवंबर माह में विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में राज्य की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। बैठक में लिए गए फैसलों के तत्काल क्रियान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जनहित के कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे। वही विशेष सत्र को लेकर यूकेडी का कहना है कि ये सत्र जनता के लिए गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाने के लिए कर रहे है तो अच्छा होता।

कुल मिलाकर जल्द ही नए मंत्री मंडल विस्तार को लेकर अब राजनीति में चर्चाएं तेज हो चली है। अब तक धामी कैबिनेट में 7 मंत्री हैं जिस पर अब 5 नए भाजपा के नेताओं का चयन तेजी से किया जाना बाकी है । संभवतः ये भी जानकारी है कि पूरा धामी मंत्रिमंडल नवरात्रि तक पूरा हो जायेगा तभी नए चेहरों को लेकर तस्वीर साफ हो पाएगी लेकिन कई विधायक अभी से अपनी गुणा भाग की राजनीति में सक्रिय हो गए है ,वही एक ओर 09 नवंबर से पहले होगा उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र,दो दिवसीय सत्र में राज्य के विकास और रोडमैप पर भी चर्चा की जायेगी पक्ष और विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी में सरकार ने काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री का एकाएक विधानसभा का निरीक्षण करना भी हाल ही में विधानसभा पहुंचे थे साथ ही अब ये भी देखना उचित होगा कि बीते भाजपा शासन में अब तक किन विधायकों का परफार्मेंस बेहतर रहा है पार्टी उस स्तर पर ही इन 5 चेहरों का चयन करेगी लेकिन हर कोई अपने मंत्री बनाने को लेकर देहरादून से लेकर दिल्ली तक अपनी हाजिरी लगा है।