परम्पराओं को छेड़ा, तीर्थ पुरोहित का बखेड़ा ! 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में बीते शुक्रवार को केदारनाथ में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दौरे के दौरान बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर केदार सभा ने मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगा दिया है. मुकेश अंबानी की यात्रा के अगले ही दिन उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने भी हेमंत द्विवेदी के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया. बीकेटीसी अध्यक्ष ने उन पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है. बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी पर केदारनाथ की परंपराओं के उल्लंघन करने का संगीन आरोप लगाते हुए केदार सभा ने उनके  पद से हटाने की मांग उठा दी है. शुक्रवार को केदारनाथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा था कि बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष के रूप में जब से हेमंत द्विवेदी की नियुक्ति हुई है उनका व्यवहार ठीक नहीं है. उन्होंने कई विषयों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को हटाने की मांग की है. इन आरोपों के अगले ही दिन केदार सभा के वरिष्ठ सदस्य और उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने एक बार फिर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की कार्यशैली से नाराजगी जताई और सरकार से उन्हें पद से हटाने की मांग की है. उन्होंने ऐसा न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष परंपराओं का उल्लंघन कर रहे हैं और मंदिर प्रबंधन पर उनका कोई ध्यान नहीं है. जिसपर प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने भी बीकेटीसी पर कई सवाल खड़े कर दिए है।

उत्तराखंड में बीते शुक्रवार को केदारनाथ धाम में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दर्शन के दौरान अब परंपरा उल्लंघन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। केदार सभा और चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया है। वहीं बीकेटीसी अध्यक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए केदार सभा ने उन्हें पद से हटाने की मांग कर दी है। केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी और उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी का कहना है कि समिति अध्यक्ष बनने के बाद से ही हेमन्त द्विवेदी का व्यवहार ठीक नहीं रहा है. उनके द्वारा कई बार पारंपरिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप किया गया है. चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि वीआईपी दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से धन वसूला जा रहा है. आम श्रद्धालुओं को दर्शन में परेशानी हो रही है और सबसे बड़ा अपमान तब हुआ जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के स्वागत में मुख्य पुजारी और पांडा पुरोहितों की भूमिका को नजरअंदाज किया गया। उनका कहना है कि अंबानी परिवार को आशीर्वाद देने और बाघंबर ओढ़ा ने का अधिकार केवल मुख्य पुजारी को है. लेकिन यह कार्य खुद मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है. जो सदियों पुरानी परंपरा के विरुद्ध है। वही विपक्ष ने भी बीकेटीसी अध्यक्ष पर कई आरोप लगा दिए है।

वहीं इन तमाम आरोपों का जवाब देते हुए बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि केदार सभा और मंदिर समिति एक-दूसरे के पूरक हैं और किसी भी तरह की धार्मिक परंपरा का उल्लंघन नहीं हुआ है। द्विवेदी ने कहा कि गर्भगृह में अंबानी परिवार की पूजा परंपरा के अनुरूप हुई है. जिसमें पांडा-पुरोहित भी शामिल थे। उन्होंने साफ किया कि बतौर समिति अध्यक्ष उन्होंने केवल मंदिर प्रांगण में अतिथि का स्वागत किया है. जो किसी भी तरह से परंपरा का अपमान नहीं है। द्विवेदी ने यह भी कहा कि वीआईपी दर्शन को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं. वह निराधार हैं। यह व्यवस्था पहले से चली आ रही है. और इसे व्यवस्थित करने के लिए वह स्वयं प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि देश के सभी प्रमुख मंदिरों में दर्शनों के लिए SOP तय हैं और उसी व्यवस्था के तहत काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदार सभा उनके अपने परिवार की तरह है और जल्द ही सभी से मिलकर उनकी शिकायतों का समाधान कर लिया जाएगा। बीकेटीसी अध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस वर्ष अंबानी परिवार ने उत्तराखंड में आई आपदा के बाद बद्री-केदार धाम के लिए दान राशि बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी है। इससे धामों में श्रद्धालुओं और पुजारी समाज दोनों को सुविधा मिलेगी और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को बल मिलेगा।

उत्तराखंड में धामो की परंपरा को लेकर उठे रहे इस विवाद पर अब सबकी निगाहें सरकार और मंदिर प्रशासन पर रहेगी. देखना होगा कि पौराणिक परंपराओं और आधुनिक व्यवस्थाओं के बीच तालमेल की व्यवस्था बन पाती है. या यह विवाद आगे और तूल पकड़ेगा।