उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली और हर्षिल गांव इन दिनों भीषण प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं. जहां पहाड़ों की ख़ामोशी में तबाही की चीखें गूंज रही हैं. जिस धराली बाजार में कभी खूब चहल-पहल हुआ करती थी वह अब मलबे और कीचड़ के ढेर में तब्दील हो चुका है. कई पुल बह गए हैं. जिससे गांव का संपर्क टूट गया है। धराली से कुछ दूर हर्षिल में भागीरथी नदी का बहाव अचानक रुकने से झील जैसी स्थिति बन गई है. भूस्खलन और भारी मलबे के चलते नदी का रास्ता रुक गया है, जिससे हर्षिल में संकट और गहरा गया है. जो किसी आने वाली और बड़ी आपदा की चेतावनी जैसा है. धराली गांव अब मलबे और कीचड़ का मैदान बन चुका है. पूरा बाजार ज़मीन के नीचे दब चुका है. दुकानों और घरों के सिर्फ़ निशान ही बाकी बचे हैं. गांव के मुख्य पुल का लोहे का स्ट्रक्चर बह चुका है. जिससे गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। सेना और NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. कई जगहों पर खुदाई कर लोगों तक पहुंचने की कोशिशें जारी हैं. राहत ऑपरेशन लगातार चल रहा है और हर संभव कोशिश की जा रही है कि लोगों को सुरक्षित निकाला जाए।मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि ग्राम धराली, तहसील भटवाड़ी, जनपद उत्तरकाशी में आपदा से जिन लोगों के मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए हैं, उनके पुनर्वास/विस्थापन हेतु रु. 5.00 लाख की तत्काल सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, आपदा में मृतकों के परिजनों को भी 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, ताकि उन्हें इस कठिन समय में आर्थिक सहारा मिल सके।
उत्तरकाशी के धराली हर्षिल में आयी आपदा क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। सेना, एसडीआरएफ आइटीबीपी तथा अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर लगभग तीन सौ से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों के साथ बैठक कर रेस्क्यू ऑपरेशन की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बैठक के दौरान सीएम ने संचार व्यवस्था को भी बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पीडब्ल्यूडी/जल संस्थान/ऊर्जा आदि विभाग के अधिकारी वहीं डटे रहें। डॉक्टर और दवाई की व्यवस्था भी सुचारू रूप से की जाए। पोस्टमार्टम आदि की व्यवस्था वहीं मौके पर की जाए। मुख्यमंत्री ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। नेताला में अवरुद्ध मार्ग खोल दिया गया है। मार्ग खुलते ही यहां फंसे लोगो को राहत और बचाव दल तेजी से काम कर रहा हैं।खाद्य विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाकर भी घटनास्थल के लिए रवाना की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज आपदा ग्रस्त इलाके का पैदल निरीक्षण कर आपदा में हुई हानि की जानकारी ली। वही भीषण आपदा पर चमोली जिले के पीपलकोटी के समीप भनेर पानी में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने के प्रयास दोनों ओर से किया जा रहा है। NHDCL की मशीनें भू स्खलन प्वाइंट के दोनों छोर पर युद्ध स्तर पर सड़क मार्ग खोलने में जुटी है, वही प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित जगह ज्योतिर्मठ,पीपलकोटी,चमोली,कर्णप्रयाग सुरक्षित स्थानों पर रुकवाया गया है। तीर्थ यात्री दोनो तरफ से सड़क खोलने का इंतजार कर रहे हैं।
बात करे मौसम की तो प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है, मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है, इसी भारी बारिश के चलते बादल फटने से कुछ दिन पहले आयी उत्तरकाशी के धराली की आपदा का रेस्क्यू ऑपरेशन भी लगातार जारी है. जो बारिश के कारण और भी मुसीबत में डाल रहा है, वही बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक ने बताया की रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है, खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर के जरिये मदद पहुंचाने में रुकावट हो रही है. लेकिन प्रदेश सरकार आपदा को लेकर गंभीर बनी हुई है लगातार मुख्यमंत्री धामी घटनास्थल की जानकारी व अपडेट ले रहे है, शासन प्रशासन, सेना, NDRF, SDRF सभी अलर्ट मोड पर है, भले ही मौसम खराब है लेकिन किसी भी प्रकार से पीड़ितों को राहत पहुचाने का काम लगातार जारी है।
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली में खीर गंगा में यह पहली बार नहीं हुआ कि उसका जलस्तर बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्र को नुकसान हुआ है। हालांकि इससे पूर्व की आपदाओं मैं वहां पर जान का नुकसान नहीं हुआ. लेकिन उसके बाद भी वहां पर ना ही स्थानीय लोग चेते और ना ही शासन प्रशासन की ओर से वहां पर सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए। जिसका खामियाजा थराली के निवासियों को भुगतना पड़ा। अब देखना होगा कि सरकार नदी-नालों के किनारे बसे लोगो को सुरक्षित स्थान दे पाती है. यह आने वाला समय बताएगा।