KNEWSDESK- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर चर्चा की । इस दौरान उन्होंने ईडी की छापेमारी को लेकर बात की और आचार संहिता के बाद कार्रवाई करने का सुझाव दिया, वहीं बीजेपी को कई मुद्दों पर घेरा। इसके बाद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने में देरी को लेकर भी जवाब दिया , फिर अपने सीएम पद पर बने रहने को लेकर बड़ा बयान दिया। गहलोत ने यूपीए सरकार और बीजेपी की सरकार में ईडी की छापेमारी के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि यूपीए सरकार के दौरान ईडी ने 10 सालों में 112 छापेमारे और एनडीए के नौ सालों में तीन हजार दस छापे मारे गए ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईडी को लेकर मामले में सुप्रीम कोर्ट में जल्द फैसला होना चाहिए , जहां चुनाव आते हैं वहां ईडी पहले पहुंचती है। जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता खत्म हो रही है। सही कार्रवाई हो तो स्वागत , लेकिन इशारों पर कार्रवाई होती है। ईडी वाले कहते हैं कि हम आधे घंटे में आने वाले हैं , आप देख लीजिए। आगे कहा कि जांच एजेंसियों के अधिकारियों की जिम्मेदारी देश के प्रति होनी चाहिए । यूपीए सरकार के दौरान ईडी ने 10 सालों में 112 छापे मारे और एनडीए के नौ सालों में तीन हजार दस छापे मारे गए । यूपीए के दौरान 93 प्रतिशत चार्जशीट दर्ज हुए, जबकि एनडीए के समय केवल 29 प्रतिशत चार्जशीट पेश हुए।
कोई भागा तो नहीं जा रहा
सीएम ने बीजेपी को वाशिंग मशीन बताते हुए कहा कि पीएम मोदी एनसीपी पर सवाल उठाते थे। वो पार्टी अजीत पवार के नेतृत्व में बीजेपी से मिल गई । आरोप लगने के बाद कोई बीजेपी के साथ मिल जाए तो वो वाशिंग मशीन में धुल जाते हैं । आचार संहिता के बाद छापे मारने की क्या जरूरत है?बाद में भी कार्रवाई हो सकती है। कोई भागा तो नहीं जा रहा । पीएम मोदी और अमित शाह विपक्ष को दुश्मन मानते हैं। वक्त आने पर जनता सबक सिखाएगी और आगे कहा कि जयपुर में गणपति ब्लैक मनी मिली । बीजेपी नेता और जांच एजेंसी के बीच मिलीभगत है। गहलोत ने मजाकिया लहजे में कहा मेरा नहीं है, इसलिए मैं लॉकर का नाम भूल गया।
विधायकों से थोड़ी नाराजगी
अशोक गहलोत ने बगावत के दिनों को किया याद कहा कि जब मेरी सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी तब विधायकों को दस करोड़ रूपए का ऑफर था । अगर मेरे विधायक भ्रष्ट होते तो पैसे लेते। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया । प्रत्याशियों की घोषणा में देरी को लेकर सवाल पूछा गया तो गहलोत ने कहा कि शायद आप सचिन पायलट का जिक्र कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी को यही तकलीफ है कि सभी फैसले आम राय से हो रहे हैं । जब बागियों की टिकट काटने का सवाल मीडिया ने किया तो गहलोत ने उसका जवाब देते हुए कहा कि पुरानी बातें हम भूल चुके हैं । हमारी नीति है , भूलों और माफ करो। टिकट का आधार जिताऊ उम्मीदवार है । उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोई एंटी इनकमबेंसी नहीं है । सीएम पर कोई आरोप नहीं है। विधायकों से थोड़ी नराजगी है , भ्रष्टाचार के आरोप हैं। लेकिन टिकट तब कटते हैं , जब विकल्प हो।
अशोक गहलोत ने सीएम पद को लेकर कहा कि कांग्रेस में जो सीएम उम्मीदवार होता है वो नहीं बनता । आगे कहा कि ये पद छोड़ना चाहता हूं । लेकिन ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा और छोड़ेगा भी नहीं । कुछ तो बात होगी कि गांधी परिवार मुझ पर विश्वास करता है।