Punjab Desk, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि ‘मैं पंजाब बोलता हूं’ बहस राज्य के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। लेकिन चूंकि विपक्षी दलों के पास उनके और राज्य सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कुछ नहीं था। इसलिए पार्टियां बहस करने से भाग गईं।
‘मैं पंजाब बोलता हूं’ डिबेट के दौरान संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “ये नेता पिछले 25 दिनों में मेरे और मेरी सरकार के खिलाफ एक भी खामी नहीं निकाल सके, इसलिए वे पंजाब से जुड़े मुद्दों पर मुझसे भिड़ने की हिम्मत नहीं कर सके।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ”अगर इन नेताओं को हराकर घर भेज दिया गया तो इसका मतलब यह नहीं है कि ये नेता पंजाब के साथ किए गए विश्वासघात के लिए दोषी साबित हो गए हैं।”
उन्होंने कहा कि जब भी ये राजनीतिक नेता लोगों के बीच आएं तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि आप पंजाब के मुद्दों पर बहस से क्यों भागे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में इन राजनेताओं ने लंबे समय तक सत्ता का सुख भोगा है, जिसके कारण वे हर मुद्दे पर पंजाब के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इन नेताओं को बहस के लिए इसलिए बुलाया गया था ताकि हर नेता इस मंच पर आकर अपना पक्ष रख सके । उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने इस मंच पर आने की बजाय बहाने बनाकर बहस से भागना पसंद किया।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह इन नेताओं को भागने नहीं देंगे और उन लोगों के चेहरे बेनकाब करेंगे जिन्होंने राज्य के साथ गद्दारी की है। मुख्यमंत्री मान ने राज्य की जनता को गुमराह करने की चालें चलने के लिए इन नेताओं की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि इन नेताओं के पूर्वज एस.वाई.एल. निर्माण का यह अक्षम्य अपराध करके पंजाब और उसकी युवा पीढ़ी ने अपनी राह में कांटे बोये हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन स्वार्थी राजनीतिक नेताओं ने अपने निहित स्वार्थों के लिए इस नहर के निर्माण पर सहमति, योजना और कार्यान्वयन किया था। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि सभी जानते हैं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम जाखड़ (सुनील जाखड़ के पिता) ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ कपूरी में एसवाईएल का दौरा किया था।
इसका शिलान्यास समारोह तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ किया गया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल ने इस नहर के सर्वेक्षण की अनुमति देने के लिए अपने पंजाब समकक्ष प्रकाश सिंह बादल की सराहना की थी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के खिलाफ इस अपराध के लिए ये नेता जिम्मेदार हैं और पंजाब की पीठ में छुरा घोंपने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बहस का विषय इस बात पर केंद्रित है कि पंजाब को अब तक क्या और कैसे लूटा गया।
यह परिवारवाद (भाई-भतीजावाद, भाई-भतीजावाद), पूर्वाग्रह, टोल प्लाजा, युवा, कृषि, व्यापारी, दुकानदार, अपवित्रता, नदी जल और अन्य मुद्दों से निपटता है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक पार्टियों के नेताओं ने हर मुद्दे पर पंजाब को धोखा दिया है, जिसके कारण वे राज्य के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं के हाथ पंजाब के खिलाफ किए गए अपराधों से रंगे हुए हैं और राज्य की पीठ में छुरा घोंपने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।