KNEWS DESK- पंजाब सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाने का निर्णय लिया है। वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि पेट्रोल पर 61 पैसे और डीजल पर 92 पैसे का वैट बढ़ाया गया है। इस फैसले के बाद, पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 150 करोड़ और 395 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
बढ़े हुए वैट से वित्तीय प्रभाव
वित्तमंत्री हरपाल चीमा के अनुसार, वैट बढ़ाने का उद्देश्य राज्य के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाना है। पंजाब में पेट्रोल और डीजल पर वैट की तुलना हिमाचल, राजस्थान और हरियाणा से की गई, जहां वैट की दरें कम हैं।
बिजली सब्सिडी समाप्त
कैबिनेट की बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है कि सात किलोवाट तक के बिजली कनेक्शन पर अब तक मिलने वाली सब्सिडी को समाप्त कर दिया गया है। यह सब्सिडी पहले तीन रुपये प्रति यूनिट थी।
टैक्स और खेतीबाड़ी नीतियों में बदलाव
फाइनेंस मिनिस्टर ने बताया कि गुड्स के कामकाज से संबंधित टैक्स को क्वार्टरली के बजाय सालाना वसूला जाएगा। इसके साथ ही, जो व्यापारी चार साल का टैक्स एक साथ जमा करेंगे, उन्हें 10 प्रतिशत छूट मिलेगी। नए वाहनों पर टैक्स को आठ साल तक 20 प्रतिशत तक घटाया जाएगा।
खेतीबाड़ी नीति पर भी चर्चा हुई, जिसमें भूजल स्तर के गिरने की समस्या पर विचार किया गया। नहरी पानी को एक बड़ा विकल्प मानते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के साथ चर्चा के लिए आज दोपहर 3 बजे बैठक बुलाई है।
शिक्षा नीति का नई दिशा
पंजाब में शिक्षा नीति को लेकर भी बदलाव किए जा रहे हैं। नई नीति के तहत स्किल और टेक्निकल बेस्ड एजुकेशन पर जोर दिया जाएगा। इस नीति को एजुकेशन स्पेशलिस्ट के साथ मिलकर तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, दो लाख बच्चों ने स्कूल ऑफ एमिनेंस में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
कुल मिलाकर
इन नई नीतियों और टैक्स बढ़ोतरी के साथ, पंजाब सरकार ने वित्तीय स्थिरता और सुधार के उद्देश्य से कई कदम उठाए हैं। वैट और सब्सिडी में बदलाव से आम जनता पर असर पड़ेगा, जबकि शिक्षा और खेतीबाड़ी नीतियों में सुधार से राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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