Knews Desk, भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब का वित्तीय मॉडल पूरे देश के लिए बेंचमार्क बनकर उभरा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पंजाब में शानदार आर्थिक तरक्की और विकास देखने को मिला है। आज पंजाब संकट नहीं, सरप्लस वित्तीय स्थिति में पहुंच चुका है।
राज्य का अपना कर-राजस्व
वित्तीय वर्ष 2012-17 (SAD-BJP): 8%
वित्तीय वर्ष 2017-22 (Congress): 6.10%
वित्तीय वर्ष 2022-24 (AAP) केवल 2 वर्षों में: 13.31%
वैट/जीएसटी
वित्तीय वर्ष 2012-17 (SAD-BJP): 9.50%
वित्तीय वर्ष 2017-22 (Congress): 5.40%
वित्तीय वर्ष 2022-24 (AAP) केवल 2 वर्षों में: 16.03%
राज्य उत्पाद शुल्क
वित्तीय वर्ष 2012-17 (SAD-BJP): 9.80%
वित्तीय वर्ष 2017-22 (Congress): 6.90%
वित्तीय वर्ष 2022-24 (AAP) केवल 2 वर्षों में: 22.45%
टिकट और पंजीकरण
वित्तीय वर्ष 2012-17 (SAD-BJP): 7.90%
वित्त वर्ष 2017-22 (Congress): 10.10%
वित्तीय वर्ष 2022-24 (AAP) केवल 2 वर्षों में: 14.79%
वाहन पर कर
वित्तीय वर्ष 2012-17 (SAD-BJP): 12.70%
वित्त वर्ष 2017-22 (Congress): 8.80%
वित्तीय वर्ष 2022-24 (AAP) केवल 2 वर्षों में: 11.59%
राज्य का अपना गैर-कर राजस्व
2017 से 2022 तक कांग्रेस शासन के दौरान इसमें (-4%) की दर से भारी गिरावट आती रही। हालाँकि, केवल 2 वर्षों में भगवंत मान सरकार, राज्य का अपना गैर-कर राजस्व 21.19% बढ़ गया।
जिसने इसे भारी उछाल के साथ नकारात्मक से सकारात्मक में बदल दिया, इस तथ्य के बावजूद कि 2015 से पाक के साथ व्यापार पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
एक बार फिर यह साबित हो गया है कि पंजाब में AAP के 2 साल अकाली-भाजपा और कांग्रेस के 70 साल के कार्यकाल पर भारी पड़े हैं। आज देश की जनता बोल रही है कि सीएम मान की मेहनत और निरंतर प्रयासों को सलाम।