डिजिटल डेस्क- पंजाब इस नवंबर इतिहास, श्रद्धा और सेवा की एक नई मिसाल पेश कर रहा है। नौवें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी वर्ष पर राज्य सरकार ने पूरे नवंबर को ‘शहीदी स्मरण माह’ के रूप में मनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। धर्म, इंसानियत और कमजोरों की रक्षा के लिए अपना शीश देने वाले गुरु तेग बहादुर जी की स्मृति में पूरे राज्य में भक्ति और सेवा का माहौल है। 1 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान के तहत पंजाब के सभी जिलों में सुबह-शाम कीर्तन, अरदास और कथा हो रही है। अब तक 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इन समागमों में हिस्सा ले चुके हैं। अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला, श्री आनंदपुर साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब जैसे बड़े शहरों में रोज “शहीदी कीर्तन दरबार” आयोजित किए जा रहे हैं। बाजारों और मुख्य मार्गों पर नगर-कीर्तन निकल रहे हैं, जिनमें संगत बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल, होमगार्ड और मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं।
500 से अधिक सेवा कैंप और स्वास्थ्य शिविर
मान सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के संदेश को सिर्फ श्रद्धांजलि तक सीमित न रखकर सेवा तक पहुँचाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में पूरे राज्य में 500 से ज्यादा सेवा कैंप लगाए गए हैं, जहाँ रोज लंगर और सामुदायिक सेवा चल रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 220 मेडिकल कैंप आयोजित किए गए, जिनमें करीब 1.4 लाख लोगों की मुफ्त जांच और दवा वितरण किया गया। शिक्षा विभाग ने पूरे राज्य में मोरल एजुकेशन ड्राइव शुरू की है। 20,000 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों में 10 लाख से ज्यादा छात्रों ने निबंध, पोस्टर, कविता और भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लिया। गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर बनी राज्य सरकार की डिजिटल डॉक्यूमेंट्री सीरीज को लाखों बार ऑनलाइन देखा जा चुका है, जिससे धार्मिक इतिहास को तकनीक के साथ जोड़ने की पहल को सराहना मिल रही है।
आज हो रहा है विशेष अरदास और मुख्यमंत्री का संदेश
आज पूरे राज्य में विशेष कीर्तन और अरदास आयोजित हो रही है। अमृतसर और श्री आनंदपुर साहिब में हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत धर्म और इंसानियत की रक्षा की सबसे बड़ी मिसाल है। उन्होंने कहा कि पंजाब का हर नागरिक यह समझे कि धर्म का अर्थ नफरत नहीं, बल्कि भाईचारा और साहस है।