KNEWS DESK- खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह और उनके साथियों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल किया है। सरकार ने कहा है कि इनकी रिहाई से न केवल राज्य की कानून व्यवस्था को खतरा होगा, बल्कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सुरक्षा भी प्रभावित होगी।
पंजाब सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि अमृतपाल ने अजनाला थाने के बाहर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी थी कि सीएम मान का हाल बेअंत सिंह जैसा हो सकता है। बेअंत सिंह की हत्या के संदर्भ में कहा गया है कि इस प्रकार की बयानबाजी से माहौल और भी तनावपूर्ण हो सकता है।
याचिका में अमृतपाल और उनके साथियों ने एनएसए लगाने की कार्रवाई को असंवैधानिक और राजनीतिक असहमति के कारण बताया था। उनका कहना था कि उन्हें एक साल से अधिक समय तक निवारक हिरासत में रखा गया है, जो एक अमानवीय प्रक्रिया है।
हाईकोर्ट ने अब पंजाब सरकार से एनएसए लागू करने के आधार का पूरा रिकॉर्ड मांगा है और केंद्र को भी इस मामले में जानकारी देने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी, जब पंजाब और केंद्र सरकार को सभी संबंधित जानकारियाँ प्रस्तुत करनी होंगी। पंजाब में राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर, यह मामला काफी संवेदनशील बना हुआ है, और इसके परिणाम राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।
ये भी पढ़ें- ममता बनर्जी की PM मोदी को चिट्ठी, DVC से पानी छोड़ने का फैसला एकतरफा, बाढ़ की स्थिति पर जताई चिंता