पंजाब- पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने 16वें वित्त आयोग के साथ बैठक में राज्य में स्थानीय निकायों के विकास के लिए धनराशि बढ़ाने की मांग की। अपने प्रस्तुतीकरण में विभाग ने भूजल पुनर्भरण, अपशिष्ट जल प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सतत ऊर्जा और सामुदायिक परिसंपत्तियों के रखरखाव सहित अपने प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। इन पहलों का उद्देश्य पंजाब में ग्रामीण समुदायों के लिए मजबूत और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करना, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता लक्ष्यों (एसडीजी और नेट जीरो) के साथ संरेखित करते हुए उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
मामले को प्रस्तुत करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायत आलोक शेखर ने 16वें वित्त आयोग से विभाग द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहलकदमियों को सहयोग देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जिसमें 8,000 करोड़ रुपये बंधे हुए फंड के रूप में और 2,000 करोड़ रुपये खुले हुए अनुदान के रूप में शामिल हैं। यह धनराशि पंजाब में ग्रामीण विकास और स्थिरता को आगे बढ़ाने में सहायक होगी, तथा विभाग वित्त आयोग से सकारात्मक प्रतिक्रिया की आशा कर रहा है। वित्त आयोग की टीम के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान, गांव मानक खाना (बठिंडा) की पूर्व सरपंच शुशनदीप कौर सिद्धू, गांव छीना (गुरदासपुर) के पूर्व सरपंच पंथप्रीत सिंह और गांव चाहर (संगरूर) के पूर्व सरपंच प्रीतम सिंह ने जमीनी स्तर की चुनौतियों को साझा किया और उनसे निपटने के लिए वित्त आयोग से सहायता का अनुरोध किया।
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