पंजाब : राज्यपाल के राष्ट्रपति शासन लागू करवाने की बात पर भगवंत मान का पलटवार,कहा-प्यार से पंजाबियों की जान ले लो लेकिन…

KNEWS DESK… पंजाब के राज्यपाल बाबूलाल पुरोहित की राष्ट्रपति शासन की चेतावनी के बाद सीएम मान की तरफ से आज पलटवार किया गया है. सीएम मान ने चंढ़ीगढ़ में फ्रस काॅफ्रेन्स करते हुए कहा कि साढ़े 3 करोड़ पंजाबियों को धमकी देते हुए देते हुए कहा था कि राष्ट्रपति शासन लागू करवा दूंगा. इस पर सीएम मान ने कहा कि प्यार से पंजाबियों की जान ले लो लेकिन अगर धक्का दिया को पंजाबी जवाब देंगे.

दरअसल आपको बता दें कि पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्यपाल की चिट्ठी कोई नई बात नहीं, रोज की किच-किच से मैं आज सारे कागज लेकर आया हूं. जो आपसे साझा करूंगा. यह सारा भाजपा का एजेंडा है. अगर सांसद नहीं खरीदे तो ऑर्डिनेंस ले आओ, नहीं तो गर्वनर से फैसले करवाओ. पंजाब में कानून व्यवस्था कंट्रोल में है। जब से सरकार आई है  23516 F.I.R. दर्ज की जा चुकी है। 23,518 नशा तस्कर गिरफ्तार करके 1627 किलो हेरोइन बरामद की गई है। गैंगस्टरों पर शिकंजा कसते हुए 753 हार्ड कोर गैंगस्टर गिरफ्तार किए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गवर्नर की तरफ से  16 चिट्ठियां लिखी गई तो उनमें से  9 के जवाब दे चुके है, बाकियों के जवाब देने के लिए तैयार है, वो भी जल्द दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गवर्नर ने जितनी चिट्ठियां लिखी उन्हें पढ़कर ऐसा लगता कि वह  पाॅवर हैंगर है। ऐसे में उन्हें मैं सलाह देता हूं कि वह राजस्थान के रहने वाले है, तो आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव है वहां भाजपा का चेहरा बनकर मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ें और पॉवर ले लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तक उन्होंने पंजाब के मसले को लेकर केंद्र से कोई मांग नहीं की।

जानकारी के लिए बता दें कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और सीएम भगवंत मान के बीच चला आ रहा पत्र-युद्ध अब गंभीर रूप धारण कर चुका है। राज्यपाल ने शुक्रवार को सीएम को पत्र लिखकर पंजाब सरकार को भंग करने की सिफारिश की चेतावनी दी थी। राज्यपाल ने लिखे एक पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री उनके पत्रों का जवाब नहीं दे रहे हैं और उनके खिलाफ अशालीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। पत्र में लिखा है कि इससे पहले कि वह संवैधानिक तंत्र की विफलता के संबंध में अनुच्छेद 356 के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजने और I.P.C. की धारा 124 के अंतर्गत आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के बारे में निर्णय लें, मुख्यमंत्री को उनके द्वारा मांगी गई जानकारियां देनी चाहिए।

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