Knews Desk, फोर्टिस अस्पताल मोहाली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने दुनिया के सबसे उन्नत चैथी जनरेशन रोबोट दा विंची एक्सआई का उपयोग करके जटिल गायनी कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज किया है। डॉ. श्वेता तेहलान, कंसल्टेंट, गायनी ऑन्को-सर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने 60 वर्ष से अधिक आयु की गर्भाशय कैंसर से पीड़ित कई महिलाओं का इलाज किया है, जिससे वे सर्जरी के बाद सामान्य जीवन जीने में सक्षम हो पाई हैं। पहले मामले में, एक 60 वर्षीय महिला हाल ही में पोस्ट-मेनोपौसल (रजोनिवृत्ति) के बाद योनि से रक्तस्राव और डिम्बग्रंथि द्रव्यमान (ओवेरियन मास) (8×10 सेमी) की शिकायत के साथ फोर्टिस अस्पताल मोहाली में आई, जो पिछले 2 वर्षों से आकार में बढ़ रही थी। हालांकि, मरीज ने सर्जरी में देरी की, क्योंकि उसे ओपन सर्जरी की सलाह दी गई थी।
मरीज को रोबोट-एडेड सर्जिकल स्टेजिंग की गई, जिसमें गर्भाशय, दोनों ट्यूब, आवेरिज, लिम्फ नोड्स और ओमेंटम (इंट्रा-पेरिटोनियल अंगों की सतह पर स्थित बड़ी सपाट वसा ऊतक परत) को हटा दिया गया। ऑपरेशन के बाद वह आसानी से ठीक हो गई और सर्जरी के 48 घंटों के भीतर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उनकी अंतिम हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में प्रारंभिक चरण में एक असामान्य आवेरियन ट्यूमर का पता चला और वह अकेले सर्जरी के माध्यम से ठीक हो गईं। एक अन्य मामले में, एक 84 वर्षीय महिला रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव, असामान्य योनि स्राव और पेल्विक दर्द के साथ फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में आई।
मरीज की बायोप्सी में गर्भाशय कैंसर का पता चला, जबकि इमेजिंग से पता चला कि बीमारी उसके गर्भाशय तक ही सीमित थी। डॉ. तेहलान ने रोगी पर रोबोट-असिस्टेड रेडिकल कैंसर सर्जरी सफलतापूर्वक की। ऑपरेशन के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ और सर्जरी के 2 दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मामले पर चर्चा करते हुए, डॉ. तेहलान ने कहा कि गर्भाशय कैंसर के मरीज आमतौर पर बूढ़े, मोटापे से ग्रस्त होते हैं और उन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि जैसी चिकित्सीय समस्याएं होती हैं। हमने उत्कृष्ट ऑन्कोलॉजिकल परिणामों के साथ रोबोट-एडेड रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी और लिम्फ नोड डिसेक्शन का संचालन किया।