KNEWS DESK- पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल पर श्री हरिमंदिर साहिब में हुए जानलेवा हमले के पीछे की साजिश की जांच में कुछ अहम सुराग सामने आए हैं। पुलिस को मिली प्राथमिक जानकारी के अनुसार, इस हमले के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कनेक्शन का संदेह है। अधिकारियों का मानना है कि यह हमला प्रदेश में अलगाववाद को बढ़ावा देने और शांति को भंग करने के उद्देश्य से किया गया था।
हमले का उद्देश्य पंजाब में शांति को भंग करना था
हमले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हमले का मकसद सिर्फ सुखबीर बादल को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से खालिस्तानी और अलगाववादी विचारधाराओं को सक्रिय करना था। अधिकारियों का कहना है कि इस हमले से पंजाब में कट्टरपंथी ताकतों को उभारने और राज्य में अस्थिरता फैलाने का प्रयास किया गया।
एसआईटी का गठन, मुख्यमंत्री ने लिया मामले की गंभीरता से
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस हमले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी में अमृतसर के पुलिस कमिश्नर सहित पांच वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के पुलिस प्रमुख, डीजीपी गौरव यादव से इस मामले पर शाम तक रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अकाली दल की पिछली सरकार के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं और युवाओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करने की घटनाओं से इस हमले को जोड़कर देखा जा रहा है।
स्वर्ण मंदिर में पहले से सुरक्षा बढ़ाई गई थी
पुलिस के उच्च अधिकारियों के अनुसार, जब से श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुखबीर बादल और अन्य अकाली नेताओं को सजा सुनाई गई थी, तब से स्वर्ण मंदिर में किसी अप्रिय घटना के घटित होने के इनपुट मिल रहे थे। इसके चलते स्वर्ण मंदिर में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था और 175 पुलिस जवानों को तैनात किया गया था, जिसमें आईजी, एसपी और अन्य रैंक के अधिकारी भी सिविल ड्रेस में शामिल थे। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए उठाया गया था।
पुलिस की जांच में आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और हमले से जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आरोपियों का पता लगाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। जांच के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि हमले का संबंध पंजाब में कट्टरपंथी तत्वों के साथ किस हद तक जुड़ा हुआ है, और पाकिस्तान से कोई समर्थन या शह मिल रही थी या नहीं।
इस हमले ने पंजाब की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था में हलचल मचा दी है, और प्रदेश सरकार इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच करने का वादा कर रही है ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके और राज्य में शांति बनाए रखी जा सके।
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