Knews Desk, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने हरियाणा सहकारी विभाग की एकीकृत सहकारी परियोजना (आईसीडीपी) के करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार का गढ़ बन गई है। एक के बाद एक नए घोटाले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। पहले सीएजी की रिपोर्ट में कई घोटालों का खुलासा हुआ। अब एक और चौंका देने वाला 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला हरियाणा सरकार के सहकारिता विभाग में सामने आया है। जिसमें मंत्री और अफसर किसानों के लिए आई राशि को बांटकर खा गए।
उन्होंने कहा कि घोटाले में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की चोरी की पुष्टि हो चुकी है। परंतु यह मामला केवल 100 करोड़ का नहीं है, ये 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इसका मतलब यह पैसा कैसे गबन हुआ, कहां गया? उन्होंने कहा कि किसानों का पैसा हड़प कर करनाल, जीरकपुर और रेवाड़ी में लग्जरी अपार्टमेंट व फ्लैट खरीदे गए। उन्होंने कहा कि घोटाले की शिकायत सबसे पहले 2022 में रेवाड़ी में आई थी और उस शिकायत के चलते पूरे तंत्र को बचाने के लिए भाजपा सरकार लगी रही, अधिकारियों को बचाने व घोटाले को छुपाने की कोशिश की। जब अधिक प्रेशर पड़ा तो सीएस ने हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो को इसकी जांच सौंपी। लेकिन वह जांच केवल अधिकारियों तक सीमित होकर रह गई।
उन्होंने कहा कि ठेकेदारों पर राजनीतिक हाथ होने की वजह से इनके खिलाफ न तो कभी मुख्यालय स्तर पर कार्रवाई की गई और न ही किसी ने इनके काम रोके। उन्होंने कहा कि इस मामले में अधिकारियों और ठेकेदारों की चौंका देने वाली वॉट्सऐप चैट भी सामने आई। जिसमें घोटाले से लेकर रिश्वत तक का पूरा विवरण है, अफसर बता रहे हैं कि कैसे पैसा ऊपर तक जाता है। फिर भी कार्रवाई नहीं होती।
सरकार की कोशिश है कि सारी चोरी का ठीकरा अफसरों पर फोड़ दिया जाए, ऊपर से दबाव के चलते एजेंसियां इस घोटाले में शामिल मास्टर माइंड तक पहुंच नहीं पा रही, केवल छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिना मंत्री के संरक्षण के अफसर इतनी बड़ी चोरी कैसे कर सकते हैं? आम आदमी पार्टी मांग करती है कि इस 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले में सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
यह जांच ईडी व सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ईडी फर्जी केस की जांच में समय बर्बाद करने के बजाय हरियाणा में हुए इस भ्रष्टाचार की जांच करे।