डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के “वोट चोरी” वाले बयान पर सियासी घमासान मच गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को राहुल गांधी पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि जो व्यक्ति बिहार के ‘ब’ की भी समझ नहीं रखते, वो प्रदेश के मेहनती लोगों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं रखते। प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “राहुल गांधी को बिहार या बिहारियों की मेहनत और संघर्ष की कोई समझ नहीं है। आजादी के बाद 40 साल तक कांग्रेस ने और फिर 15 साल तक आरजेडी ने मिलकर बिहार को पिछड़ेपन की गहराई में धकेल दिया। अब वही लोग जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।”
राहुल गांधी को पहले अतीत में झांकना चाहिए
धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी को उनके बयान पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने बिहार को विकास से कोसों दूर रखा। उन्होंने कहा, “2005 में जब बिहार की जनता ने आरजेडी के जंगलराज को उखाड़ फेंका और एनडीए की सरकार बनाई, तो कांग्रेस को यह रास नहीं आया। 2005 से 2014 तक केंद्र में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया। राहुल गांधी को सवाल पूछने से पहले यह बताना चाहिए कि उनकी सरकारों ने बिहार के साथ कितना अन्याय किया।”
केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा, “अगर वाकई वे बिहार के विकास को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए अनुदानों और परियोजनाओं की तुलना 2014 से 2025 के बीच मोदी सरकार की योजनाओं से करनी चाहिए। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।”
हार से बचने का बहाना है ‘वोट चोरी’ का शोर
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी अब “फाल्स नैरेटिव के रिसर्च सेंटर” बन चुके हैं। हर चुनाव से पहले वे जनता को भ्रमित करने के लिए झूठ बोलते हैं, लेकिन हर बार उनका “झूठ का बम फुस्स” साबित होता है। प्रधान ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर तंज कसते हुए लिखा, “राहुल गांधी का यह बयान बिहार में होने वाली करारी हार से ध्यान भटकाने का हथकंडा मात्र है। उन्हें संविधान, लोकतंत्र या जनता के मताधिकार पर भरोसा ही नहीं। राहुल गांधी उस लोक में जीते हैं जहां उन्हें लगता है कि जो वे कह दें, वही सच है।”