डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कुर्सी से दूर होने की वजह से अखिलेश यादव बौखला गए हैं और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध करते-करते भारत माता के विरोध तक उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीति अब केवल झूठ, भ्रम और जातिवाद फैलाने तक सीमित रह गई है। बृजेश पाठक ने कहा कि बिहार में अखिलेश यादव ने जातीय गोलबंदी कराने की बहुत कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने दावा किया कि बिहार में एनडीए की प्रचंड बहुमत से सरकार बनने जा रही है, क्योंकि वहां के लोगों ने विकास, कानून व्यवस्था और जंगलराज से मुक्ति के नाम पर मतदान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व पर जनता ने विश्वास जताया है।
अखिलेश यादव SIR से डर रहे हैं- ब्रजेश पाठक
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि अखिलेश यादव SIR (Systematic Identification Revision) से इसलिए डर रहे हैं क्योंकि उनकी पार्टी की राजनीति फर्जी वोटरों पर टिकी हुई है। उन्होंने कहा, “विपक्ष और अखिलेश यादव आखिर SIR से क्यों डर रहे हैं? यह कोई नया कदम नहीं है, 2002 में भी ऐसा किया गया था। उस समय भी अवैध मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाया गया था।” उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का यह कदम पारदर्शिता और निष्पक्ष चुनाव की दिशा में बड़ा फैसला है।
पारदर्शी वोटर लिस्ट से अखिलेश यादव के पेट में दर्द क्यों?
बृजेश पाठक ने तंज कसते हुए कहा कि अगर पारदर्शी वोटर लिस्ट तैयार हो रही है तो अखिलेश यादव को पेट में दर्द क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव घुसपैठियों के साथ खड़े हैं, जबकि बीजेपी राष्ट्रहित में खड़ी है। उन्होंने दावा किया कि SIR लागू होने के बाद समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो जाएंगी क्योंकि फर्जी वोटरों पर निर्भर उनकी पूरी रणनीति ध्वस्त हो जाएगी। डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि जातिवाद का जहर अब देश में सफल नहीं होगा। बिहार और उत्तर प्रदेश की जनता अब विकास और सुशासन की राजनीति को पसंद करती है। उन्होंने कहा कि यूपी में SIR लागू होने से घुसपैठियों को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाएगा और बीजेपी सरकार उन्हें प्रदेश से बाहर निकालेगी।