KNEWS DESK….उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के दुर्ग माने जाने वाले अमेठी-रायबरेली में सियासी उम्मीदें तलाश रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव को निकाय चुनाव में बड़ा झटका मिला गौरीगंज नगर पालिका सीट छोड़ दें तो अमेठी की बाकी सीटों पर सपा की जमानत जब्त हो गई है।इसी तरह से रायबरेली में भी सपा का यही हश्र हुआ है।
गांधी परिवार के प्रभाव वाले दोनों ही क्षेत्र अमेठी-रायबरेली में सपा को एक भी निकाय सीट नहीं मिल सकी पाई है तो वहीं कांग्रेस ने अमेठी क्षेत्र के तहत आने वाली सबसे बड़ी नगर पालिका जायस सीट को बीजेपी से छीन लिया है तो रायबरेली पालिका और लालगंज पंचायत सीट पर अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही है।
आपको बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली लोकसभा की पांच से चार सीटें सपा जीतने में सफल रही थी और एक सीट वो मामूली वोटों से हार गई थी। वहीं अमेठी लोकसभा क्षेत्र में सपा के दो विधायक हैं और दो सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी।2022 के नतीजे के बाद ही अखिलेश यादव को अमेठी-रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में सियासी संभावनाएं नजर आने लगी थी। क्योंकि इन दोनों ही सीटों पर अभी तक सपा उम्मीदवार नहीं उतारती थी।
सपा को लगा जोर का झटका
सपा ने निकाय चुनाव में अमेठी और रायबरेली की सभी नगर पालिका और नगर पंचायत सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। रायबरेली जिले की एक नगर पालिका और नगर पंचायतों की नौ सीटों पर सपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सकी। इस तरह से अमेठी में भी सपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे ।