बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दिलायी सदस्यता
लखनऊ- प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तेज हुई राजनैतिक सरगर्मी के बीच अब नेताओं द्वारा पाला बदलने का सिलसिला भी जोरों पर है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज पूर्व केन्द्रीय मंत्री व स्टार प्रचारक आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी को ज्वाईन कर लिया। उन्होने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। इस मौके पर उन्होने कहा कि वो प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी की नीतियों से खासे प्रभावित हैं, इसलिये वो बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, साथ ही उन्होने इसे अपनी नई शुरूआत बताया। इस मौके पर केन्द्रीय धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि आरपीएन सिंह एक जिम्मेदार नेता हैं बीजेपी में आने पर बीजेपी परिवार में उनका स्वागत है। इस मौके पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे। बीजेपी में शामिल होने के इस कार्यक्रम में कांग्रेस प्रवक्ता शशि वालिया व राजेन्द्र अवाना भी बीजेपी में शामिल हुये
सुबह ही कांग्रेस से दिया इस्तीफा
कभी केन्द्र में सत्तासीन रही कांग्रेस में मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आरपीएन सिंह ने आज सुबह ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा भेज दिया था। अपने ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल पर दी गयी जानकारी में उन्होने इस्तीफे की प्रति शेयर करते हुये लिखा कि मैं अब कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ। उन्होने लिखा कि कल गणतंत्रदिवस है और गणतंत्रदिवस के मौके पर मैं नया राजनैतिक अध्याय शुरू करने वाला हूँ। उन्होने लिखा कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद। हालांकि कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने उनके बीजेपी में जाने पर उनकी आलोचना की।
कुशीनगर से लड़ सकते हैं चुनाव
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह को लेकर अब चर्चा की जा रही है कि वो जल्द ही बीजेपी में शामिल होकर नई पारी की शुरूआत करने वाले हैं। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी उन्हें कुशीनगर की पड़रौना सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार सकती है। ऐसा कहा जाता है कि आरपीएन सिंह ओबीसी में आने वाली कुर्मी जाति से आते हैं, उधर कुर्मीं बिरादरी का अच्छा खासा प्रभाव भी है, ऐसे में बीजेपी उन्हे पूर्वांचल के वोट पर नजर रखते हुये चुनाव लड़ा सकती है।