डिजिटल डेस्क- वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी गेट से होने वाले दर्शन के नियमों में बदलाव किया गया है। इस फैसले के बाद गोस्वामी समाज में नाराजगी और आक्रोश देखने को मिल रहा है। नए नियमों के तहत अब वीआईपी गेट से प्रवेश करने वाले गोस्वामी समाज के जजमानों की संख्या सीमित कर दी गई है, जिससे परंपरागत व्यवस्था प्रभावित होने का आरोप लगाया जा रहा है। अब तक मंदिर में गोस्वामी समाज के जजमान वीआईपी गेट से 30 लोगों तक के समूह में दर्शन के लिए प्रवेश कर सकते थे। लेकिन नए नियम लागू होने के बाद यह संख्या घटाकर केवल 5 कर दी गई है। इस बदलाव से गोस्वामी समाज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है और इसे अचानक लिया गया फैसला बता रहा है।
वीआईपी गेट से सिर्फ 5 जजमानों को ही मिलेगी अनुमति
इस संबंध में बांके बिहारी हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि सोमवार को कमेटी द्वारा मंदिर का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान जब कमेटी सदस्य गेट नंबर-5 यानी वीआईपी गेट पर पहुंचे, तो वहां अत्यधिक भीड़ देखी गई। पुलिस के पास एक सूची भी मौजूद थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के नाम दर्ज थे। इस अव्यवस्था को देखकर हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार नाराज हो गए। दिनेश गोस्वामी के अनुसार, इसी के बाद यह निर्णय लिया गया कि मंगलवार से वीआईपी गेट के माध्यम से केवल 5 जजमानों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, वह भी संबंधित गोस्वामी के जजमान होंगे। कमेटी का तर्क है कि इस निर्णय से भीड़ नियंत्रण और मंदिर की व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी।
गोस्वामी समाज में भारी आक्रोश
हालांकि, इस फैसले को लेकर गोस्वामी समाज में भारी असंतोष है। बांके बिहारी मंदिर के सेवायत रजत गोस्वामी ने इस निर्णय को पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने कहा कि पहले गोस्वामी एक दिन पहले 30 जजमानों की सूची प्रशासन को देकर वीआईपी गेट से उनका प्रवेश कराते थे, लेकिन अब अचानक संख्या घटाकर पांच कर देना अनुचित है। रजत गोस्वामी ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि एक दिन में किसी गोस्वामी के केवल पांच जजमान ही दर्शन के लिए आएं। उन्होंने इस फैसले का विरोध करते हुए मांग की कि यदि जजमानों की संख्या सीमित की जा रही है, तो प्रशासन को भी अपने वीआईपी दर्शनार्थियों की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि गोस्वामी समाज के केवल पांच लोग वीआईपी गेट से प्रवेश करेंगे, तो प्रशासन के भी केवल पांच वीआईपी लोगों को ही प्रवेश मिलना चाहिए।