शिव शंकर सविता- मथुरा में श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के तहखाने को आज शनिवार को दूसरे दिन फिर से खोला गया, जिससे एक बार फिर पूरे ब्रज क्षेत्र में हलचल मच गई है। मंदिर प्रशासन और जांच कमेटी की मौजूदगी में तहखाने की तलाशी शुरू की गई। बताया जा रहा है कि आज की जांच में 4.30 फीट लंबी सोने की एक छड़ी, तीन चांदी की छड़ियां, दो तांबे के सिक्के और तीन-चार नग (रत्न) मिले हैं। इससे पहले शुक्रवार को जब तहखाना पहली बार खोला गया था, तब वहां कुछ बर्तन, लकड़ी का सिंहासन और भक्तों से संबंधित बक्से मिले थे। हालांकि, जांच पूरी नहीं हो सकी थी क्योंकि मंदिर के खुलने का समय हो गया था। जिसके चलते तहखाने को सील कर दिया गया और जांच प्रक्रिया को आज के लिए स्थगित कर दिया गया था। देर रात आए आदेश के बाद शनिवार सुबह दोबारा जांच टीम मौके पर पहुंची और तहखाने को फिर खोला गया।
गोस्वामी समाज का विरोध जारी
तहखाना खोले जाने को लेकर गोस्वामी समाज में आक्रोश बना हुआ है। उनका कहना है कि बांके बिहारी मंदिर का तहखाना “अत्यंत पवित्र स्थल” है और उसे खोलना परंपरा के विरुद्ध है। बावजूद इसके प्रशासनिक आदेश पर इसे दोबारा खोला गया है। गोस्वामी समाज के कुछ सदस्यों ने इसे “श्रद्धा और आस्था से खिलवाड़” करार दिया है। कमेटी के सदस्यों ने बताया कि तहखाने में अभी कई बंद बक्से बचे हैं जिन्हें खोला जाना बाकी है। इनमें से जो भी वस्तुएं मिलेंगी, उन्हें सभी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से की जा रही है ताकि किसी भी अफवाह या विवाद को बढ़ावा न मिले।
पहले दिन नहीं मिला बड़ा खजाना
पहले दिन तहखाना खुलने के बाद कुछ खास वस्तुएं नहीं मिली थीं, जिससे स्थानीय लोगों में निराशा देखी गई थी। जहां “सोने-चांदी और खजाने” की बातें हो रही थीं, वहां केवल बर्तन और लकड़ी के सामान मिले। लोगों ने इस पर कहा कि “पहाड़ खोदा और निकली चुहिया” जैसी स्थिति बन गई थी। हालांकि, आज मिली सोने और चांदी की छड़ियों से लोगों की उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैं।