KNEWS DESK, महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर उठापटक जारी है। आज शाम 4 बजे कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली पहुंचेंगे। शाम 5:30 बजे गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में महायुति के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।
शिंदे द्वारा खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर करने की घोषणा के बाद देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि बीजेपी में इस मुद्दे पर बैठकों का सिलसिला जारी है। बुधवार रात दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े के बीच एक अहम बैठक हुई। लगभग 40 मिनट चली इस बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम और मराठा समुदाय की संभावित प्रतिक्रिया पर चर्चा हुई। केंद्रीय नेतृत्व महाराष्ट्र में गैर-मराठा मुख्यमंत्री बनाए जाने पर मराठा समुदाय की नाराजगी की संभावना को लेकर सतर्क है। चर्चा इस बात पर भी हुई कि अगर फडणवीस को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो मराठा वोट बैंक को कैसे साधा जाएगा।
आज फिर होगी बैठक
अमित शाह आज शाम दिल्ली में फिर से एक बैठक करेंगे। इस बैठक में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख अजित पवार शामिल होंगे। संभावना है कि इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक महायुति सरकार में मंत्रालयों के बंटवारे का खाका तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बीजेपी को 20, शिवसेना को 11-12 और एनसीपी को 10 मंत्री पद मिल सकते हैं। हालांकि डिप्टी सीएम पद के चेहरों पर अभी तक सस्पेंस बरकरार है।
शिंदे का बड़ा बयान
एकनाथ शिंदे ने सीएम पद की रेस से खुद को अलग करने का ऐलान करते हुए बीजेपी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। ठाणे में अपने घर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शिंदे ने कहा कि वह बीजेपी नेतृत्व के फैसले का पूरी तरह समर्थन करेंगे और इस प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं बनेंगे। शिंदे के इस कदम से नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
एनसीपी और शिवसेना की सक्रियता
एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की, जबकि एनसीपी के छगन भुजबल और गिरीश महाजन ने मुंबई में देवेंद्र फडणवीस से बातचीत की। इन बैठकों के बीच शिवसेना के नेताओं ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने की मांग तेज कर दी है। वहीं बीजेपी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह को महाराष्ट्र का केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी फडणवीस के नाम की घोषणा करती है या राजस्थान और मध्य प्रदेश की तर्ज पर किसी नए चेहरे को आगे लाती है।