पुलिस बल धर्म या समुदाय के आधार पर नहीं बंट सकता…. अकोला दंगे की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने SC में रखा अपना पक्ष

डिजिटल डेस्क- महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर अकोला दंगे से जुड़े दो मामलों की जांच को लेकर गठित विशेष जांच टीम (SIT) पर एतराज जताया है। सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंदू और मुस्लिम समुदायों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संयुक्त SIT बनाने का आदेश राज्य की धर्मनिरपेक्ष नीति और भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ है।

2023 के अकोला दंगे से जुड़ा है मामला

यह मामला मई 2023 के अकोला दंगे से जुड़ा है, जब पैगंबर मोहम्मद से जुड़े एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हिंसा भड़क गई थी। इसी दौरान एक हिंदू व्यक्ति की हत्या हो गई थी। इस घटना का नेत्रसाक्षी मोहम्मद अफजल शरीफ नामक व्यक्ति था, जिसने दावा किया कि उसने हत्या होते देखी और जब उसने विरोध किया, तो उस पर भी हमला किया गया। अफजल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने FIR दर्ज करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट होकर लगाई थी न्यायालय से गुहार

पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट अफजल ने पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर मामला बंद कर दिया। इसके बाद अफजल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने उसकी अपील स्वीकार करते हुए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए SIT गठित की जाए। कोर्ट ने कहा कि इस टीम में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए जाएं ताकि जांच में पारदर्शिता बनी रहे।

महाराष्ट्र सरकार ने जताई आपत्ति

हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस बल धर्म या समुदाय के आधार पर नहीं बंट सकता। सरकार की दलील है कि “जब कोई अधिकारी वर्दी पहनता है, तो उसकी कोई जाति, धर्म या राजनीतिक पहचान नहीं रहती। उसका केवल एक कर्तव्य होता है। कानून का पालन और निष्पक्ष जांच।” राज्य सरकार ने यह भी कहा कि धार्मिक आधार पर SIT का गठन न केवल पुलिस बल की निष्पक्षता को कमजोर करता है, बल्कि यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा, जिससे भविष्य में प्रशासनिक सेवाओं में धार्मिक पहचान को शामिल करने की गुंजाइश बढ़ेगी। यह भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के सीधे विरोध में है।