KNEWS DESK – महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हाल ही में जलगांव जिले में तीन साल के एक बच्चे में इस खतरनाक बीमारी की पुष्टि हुई है। बच्चे का इलाज सरकारी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के आईसीयू में किया जा रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे को कुछ दिनों से पैरों में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद ब्लड टेस्ट में उसे GBS होने की पुष्टि हुई। जिले में अब तक इस बीमारी के तीन मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से एक महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि एक युवक और बच्चा अभी भी इलाजरत हैं।
राज्य में बढ़ रहा है GBS का खतरा
पिछले कुछ समय में महाराष्ट्र के कई जिलों में GBS के मामले सामने आए हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल है। मुंबई, पुणे, ठाणे और कोल्हापुर सहित कई इलाकों में इस बीमारी के मरीज मिले हैं। अकेले पुणे में अब तक 208 मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से 42 मरीज पुणे नगर निगम क्षेत्र के हैं। हालांकि, इनमें से 124 मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)?
GBS एक दुर्लभ लेकिन गंभीर तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिकाओं पर हमला करने लगती है। यह बीमारी आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद होती है और इसमें शरीर की कमजोरी, झुनझुनी, मांसपेशियों में दर्द और कभी-कभी लकवे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
डॉक्टरों की राय: कैसे फैलता है GBS?
इस बीमारी को लेकर वरिष्ठ डॉक्टर अविनाश भोंडवे ने बताया कि GBS किसी बैक्टीरिया या कीटाणु के सीधे संपर्क में आने से नहीं होता, बल्कि कुछ वायरस या दूषित भोजन के कारण शरीर में प्रवेश करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी दूषित पानी, भोजन या मांस के सेवन से फैल सकती है, लेकिन इसे सिर्फ नॉनवेज खाने से जोड़ना पूरी तरह सही नहीं है।
बचाव के उपाय
डॉक्टरों ने GBS से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की सलाह दी है| स्वच्छता का ध्यान रखें: हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले और बाहर से आने के बाद। साफ और पका हुआ भोजन खाएं: अधपका या दूषित मांस और खुले में रखे भोजन से बचें। शुद्ध पानी पिएं: केवल उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें: अगर किसी को GBS के लक्षण हैं, तो सतर्क रहें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।