KNEWS DESK- हाल ही में सोशल मीडिया पर एक कोल्हापुरी चप्पल की तस्वीर तेजी से वायरल हुई, जिसकी कीमत 1 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। यह जानकर कई लोग हैरान रह गए कि एक साधारण दिखने वाली देसी चप्पल इतनी महंगी कैसे हो सकती है? लेकिन अगर आप कोल्हापुरी चप्पल की इतिहास और कारीगरी को समझेंगे, तो पता चलेगा कि यह सिर्फ फुटवियर नहीं, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प और परंपरा का प्रतीक है।
कोल्हापुरी चप्पल की शुरुआत और इतिहास
कोल्हापुरी चप्पल की उत्पत्ति महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले से हुई है। माना जाता है कि इसकी जड़ें 13वीं शताब्दी तक जाती हैं। पहले ये चप्पलें मुख्य रूप से मराठा योद्धाओं और ग्रामीण समुदायों द्वारा पहनी जाती थीं। इन चप्पलों को इस तरह से बनाया जाता था कि ये गर्मियों में ठंडक पहुंचाएं और बारिश में भी टिकाऊ रहें।

कोल्हापुरी चप्पल की खासियत क्या है?
- हाथ से बनी कारीगरी: कोल्हापुरी चप्पलें पूरी तरह से हाथ से बनाई जाती हैं। एक जोड़ी चप्पल तैयार करने में 2 से 4 दिन लग सकते हैं।
- यूनिक डिज़ाइन: हर जोड़ी की सिलाई और डिजाइन कारीगरों के हाथों से होती है, जिससे हर चप्पल बिल्कुल अलग और अनोखी होती है।
- पर्यावरण के अनुकूल: कोल्हापुरी चप्पलें इको-फ्रेंडली प्रक्रिया से बनती हैं, जिससे पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
कोल्हापुरी चप्पल कैसे बनाई जाती है?
कोल्हापुरी चप्पल बनाने के लिए असली और टिकाऊ चमड़े का इस्तेमाल होता है। चमड़े को पहले घंटों तक पानी और प्राकृतिक तेलों में भिगोया जाता है ताकि वह नरम हो जाए। फिर उसे हाथों से डिजाइन किया और सिला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी तरह के सिंथेटिक या केमिकल पदार्थ का उपयोग नहीं होता।

देसी चप्पल से अंतरराष्ट्रीय फैशन स्टेटमेंट तक
हाल के वर्षों में कोल्हापुरी चप्पलों ने देश-विदेश के बड़े फैशन डिजाइनर्स का ध्यान आकर्षित किया है। बॉलीवुड सेलेब्रिटीज से लेकर विदेशी मॉडल्स तक इन्हें स्टाइलिश आउटफिट के साथ पहनते दिख रहे हैं। विदेशों में खासकर भारतीय हस्तशिल्प के प्रति डिमांड बढ़ी है। इसी कड़ी में इटली के लग्जरी ब्रांड Prada ने हाल ही में कोल्हापुरी चप्पल लॉन्च की है, जिसकी कीमत 1 लाख 20 हजार रुपये बताई जा रही है।
कोल्हापुरी चप्पल केवल एक फुटवियर नहीं, बल्कि भारतीय शिल्प कौशल, संस्कृति और परंपरा का जीवंत उदाहरण है। इसकी अनूठी कारीगरी, टिकाऊपन और पर्यावरणीय जागरूकता इसे एक खास स्थान दिलाती है। इसलिए यह देसी चप्पल आज अंतरराष्ट्रीय फैशन स्टेज पर भी चमक रही है।
