KNEWS DESK- नवरात्रि के पावन दिनों में उपवास करने वाले लोग फलों और व्रत के विशेष व्यंजनों का सेवन करते हैं। आलू की सब्जी, कुट्टू की पूरी या साबूदाना खिचड़ी जैसे व्यंजनों में आमतौर पर सेंधा नमक (Sendha Namak) का उपयोग किया जाता है। इसे व्रत का नमक भी कहा जाता है और यह साधारण सफेद नमक की तुलना में प्राकृतिक और शुद्ध माना जाता है। हालांकि, जहां सेंधा नमक शरीर को कई तरह से फायदे पहुंचाता है, वहीं इसका अधिक सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है।

सेंधा नमक के फायदे
- पाचन में मददगार– यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
- हाइड्रेशन बनाए रखता है– इसमें मौजूद मिनरल्स शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं।
- स्किन हेल्थ– स्किन पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है और त्वचा को ग्लो देता है।
- सोडियम की मात्रा कम– सफेद नमक की तुलना में इसमें सोडियम कम होता है, इसलिए इसे हेल्दी विकल्प माना जाता है।
ज्यादा सेंधा नमक खाने के नुकसान
- दिल की दिक्कतें– जरूरत से ज्यादा सेवन दिल पर दबाव डाल सकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है।
- आयोडीन की कमी– इसमें आयोडीन नहीं होता, जिससे लंबे समय तक केवल इस नमक के सेवन से थायरॉयड और नर्व से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
- याद्दाश्त पर असर– अत्यधिक सेवन से ब्रेन फंक्शन प्रभावित हो सकता है और सीखने-समझने की क्षमता कम हो सकती है।
- किडनी पर असर– यह किडनी के कामकाज को प्रभावित कर सकता है और शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगाड़ सकता है।
- डिहाइड्रेशन और ब्लोटिंग– अधिक मात्रा लेने से डिहाइड्रेशन, मसल क्रैंप्स और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
व्रत के दौरान सेंधा नमक का सेवन सुरक्षित है और शरीर को फायदेमंद पोषक तत्व भी देता है। लेकिन, इसकी अति सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसलिए संतुलित मात्रा में ही इसका उपयोग करें।
निष्कर्ष यह है कि नवरात्रि में सेंधा नमक का इस्तेमाल सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन “कम ही सही, वही सबसे बेहतर” का नियम यहां भी लागू होता है।