अगर आप भी प्रयागराज जाने का प्लान बना रहे हैं तो किला घाट जाएं जरूर, जानें यहां कि क्या है खासियत

KNEWS DESK, प्रयागराज जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और 2024 में यह मेला 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। यदि आप भी इस पवित्र अवसर पर महाकुंभ मेला में शामिल होने जा रहे हैं, तो आप प्रयागराज की अन्य ऐतिहासिक और दर्शनीय जगहों को भी देख सकते हैं, जैसे अक्षयवट, भरत कूप, अकबर किला और किला घाट। आज हम आपको किला घाट के बारे में विस्तार से बताएंगे, जहां हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी दौरा किया गया था।

Allahabad Fort - Wikipedia

प्रयागराज में स्थित किला घाट शहर के प्रमुख स्नान घाटों में से एक है हालांकि यह घाट बाकी घाटों की तुलना में कम प्रसिद्ध है। यही वजह है कि यहाँ हमेशा एक शांति का वातावरण रहता है, और कभी ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं होती। किला घाट का दृश्य बेहद आकर्षक और सुकून देने वाला है। यहां से आप बहती हुई नदियों के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं और नदियों के बीच में नाव की सवारी भी कर सकते हैं। यह घाट उन लोगों के लिए आदर्श स्थल है, जो शांतिपूर्ण वातावरण में समय बिताना चाहते हैं। यहाँ आपको धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। किला घाट की विशेषता यह है कि यह एक ऐसी जगह है जहाँ आपको प्राचीन इतिहास की झलक भी मिलेगी।

किला घाट और मुगल सम्राटों का संबंध

किला घाट का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत गहरा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह घाट मुग़ल सम्राटों द्वारा भी इस्तेमाल किया जाता था। मुगल काल में शाही समारोहों और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किला घाट का उपयोग किया जाता था। इस घाट के किनारे शाही जलसों और पूजा अनुष्ठानों का आयोजन होता था, जिससे इस स्थान को ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

किला घाट तक कैसे पहुंचे?

किला घाट तक पहुंचने के लिए सबसे आसान तरीका रेलवे द्वारा यात्रा करना है। घाट के सबसे पास स्थित रेलवे स्टेशन वाराणसी जंक्शन है, जो किला घाट से काफी नजदीक है। यहाँ से आप ऑटो-रिक्शा या टैक्सी का उपयोग करके घाट तक आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा आप बस से भी किला घाट तक पहुंच सकते हैं।