क्या आपने कभी बिहार का ‘भक्का’ खाया है? मीठी इडली जैसी अनोखी डिश, जानें रेसिपी

KNEWS DESK- लिट्टी-चोखा, आलू-भुजिया, दाल-भात और सत्तू का शरबत… इन व्यंजनों का नाम सुनते ही बिहार की मिट्टी की महक महसूस होने लगती है। लेकिन क्या आपने कभी ‘भक्का’ का स्वाद चखा है? इडली जैसी दिखने वाली ये डिश बिहार के सीमांचल इलाकों की पारंपरिक मिठास है, जो सर्दियों में खास तौर पर बनाई जाती है।

क्या है ‘भक्का’?

‘भक्का’ दिखने में तो इडली जैसा लगता है, लेकिन इसका स्वाद बिल्कुल अलग होता है। यह चावल के आटे से बनने वाला मीठा व्यंजन है, जिसे अक्सर गुड़, घी या मछली के साथ खाया जाता है। बिहार के अररिया जिले में यह डिश बेहद लोकप्रिय है। वहां की सड़कों पर सुबह-सुबह मिट्टी के चूल्हे पर गरमागरम ‘भक्का’ बनता नजर आ जाएगा।

‘भक्का’ की खासियत

‘भक्का’ बिहार की पुरानी और पारंपरिक रेसिपी है, जिसे खासतौर पर कलिहा समुदाय के लोग बनाते हैं। पहले इसे केवल नाश्ते में खाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे यह एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड बन गया है।
इसकी खासियत यह है कि इसे धान की कटाई के बाद ताजे चावलों से बनाया जाता है, जिन्हें पत्थर पर हाथ से पीसकर आटा तैयार किया जाता है। फिर इस आटे से ‘भक्का’ मिट्टी के बर्तन में पकाया जाता है, जिससे इसमें देसी स्वाद और भी बढ़ जाता है।

‘भक्का’ बनाने की सामग्री

  • अरवा या सामान्य चावल
  • गुड़ (स्वादानुसार)
  • साफ सूती कपड़ा
  • मिट्टी का पक्का पॉट या कटोरी के आकार का बर्तन

बस, यही कुछ साधारण चीजें और थोड़ा समय और तैयार हो जाता है पारंपरिक ‘भक्का’।

बनाने की विधि

  1. सबसे पहले चावलों को रातभर पानी में भिगो दें।
  2. अगली सुबह पानी निकालकर चावलों को हल्का सुखा लें ताकि थोड़ी नमी बनी रहे।
  3. अब इन्हें पीसकर बारीक आटा तैयार करें।
  4. एक कटोरी में यह आटा डालें और बीच में गुड़ के टुकड़े रखें।
  5. ऊपर से फिर थोड़ा आटा डालकर कटोरी भर दें।
  6. अब एक गहरे बर्तन में पानी भरें और ऊपर जाली या मिट्टी का सांचा रखें।
  7. आटे से भरी कटोरी को सूती कपड़े से ढककर उलट दें और भाप में पकाएं।
  8. दो-तीन मिनट में मुलायम ‘भक्का’ तैयार हो जाएगा।
  9. इसे आप घी, मछली करी या गुड़ के साथ खा सकते हैं।
  10. ठंडी सुबहों में इसका गरमागरम स्वाद दिल को सुकून दे देता है।

भक्का खासकर अक्टूबर से फरवरी तक के महीनों में खाया जाता है। सर्द मौसम में जब चारों तरफ धुंध हो, तो अररिया की गलियों में मिट्टी के चूल्हे से उठती भाप और ‘भक्का’ की खुशबू हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है।

बिहार की संस्कृति की पहचान

‘भक्का’ सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि बिहार की परंपरा, मेहनत और स्वाद का प्रतीक है। जिस तरह से हर राज्य की अपनी एक खास पहचान होती है, वैसे ही बिहार की सांस्कृतिक विरासत में ‘भक्का’ का नाम भी सम्मान से लिया जाता है। अगर कभी बिहार जाएं, तो सर्द सुबहों में अररिया की सड़क किनारे ‘भक्का’ का लुत्फ जरूर उठाएं। क्योंकि मिट्टी के चूल्हे से उठती इसकी खुशबू आपको परंपरा और स्वाद की उस दुनिया में ले जाएगी, जहां हर निवाला एक कहानी कहता है।