गुरु नानक जयंती 2025: कब है गुरु नानक जयंती? इस दिन घर पर बनाएं गुरुद्वारे जैसा कड़ा प्रसाद, जानिए रेसिपी

KNEWS DESK- सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती इस वर्ष 5 नवंबर 2025 (बुधवार) को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी। गुरु नानक देव जी का जन्म पंजाब के तलवंडी गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। उनके पिता का नाम मेहता कालू जी और माता का नाम माता त्रिप्ता जी था।

गुरु नानक देव जी बचपन से ही करुणा, सादगी और सत्य के मार्ग पर चलने वाले थे। उन्होंने अपने जीवन से यह सिखाया कि ईश्वर एक है और वह हर जीव में विद्यमान है। उन्होंने समाज में फैले जात-पात, ऊंच-नीच और अंधविश्वास का विरोध किया और लोगों को समानता व मानवता का संदेश दिया।

गुरु नानक देव जी के तीन मुख्य उपदेश

  1. नाम जपो – सदा ईश्वर का स्मरण करो।
  2. किरत करो – ईमानदारी से और मेहनत से काम करो।
  3. वंड छको – अपने कमाए हुए को जरूरतमंदों के साथ बांटो।

गुरु नानक देव जी के ये उपदेश आज भी समाज में प्रेम, समानता और सेवा भाव का संदेश देते हैं.

कैसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती

गुरु नानक जयंती या गुरुपर्व न केवल सिख समुदाय बल्कि सभी धर्मों के लोग बड़े हर्ष और भक्ति के साथ मनाते हैं। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन किया जाता है। लंगर में सभी को समान रूप से बैठाकर भोजन कराया जाता है, जो गुरु जी के समानता के संदेश का प्रतीक है। लंगर का सबसे प्रिय हिस्सा होता है कड़ा प्रसाद, जिसे गेहूं के आटे, घी, चीनी और पानी से बनाया जाता है। यह प्रसाद स्वादिष्ट और पवित्र दोनों होता है।

घर पर ऐसे बनाएं गुरुद्वारे जैसा कड़ा प्रसाद

सामग्री:

  • घी – 1 कप
  • गेहूं का आटा – 1 कप
  • चीनी – 1 कप
  • पानी – ढाई कप

पहला तरीका:

  1. एक बड़ी कढ़ाई को गैस पर रखकर उसमें घी गर्म करें।
  2. अब उसमें आटा डालें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भूनें।
  3. फिर उसमें चीनी और पानी डालें।
  4. लगातार चलाते हुए लो फ्लेम पर पकाएं, जब तक मिश्रण गाढ़ा न हो जाए।
  5. तैयार कड़ा प्रसाद में ऊपर से बारीक कटे बादाम, काजू या किशमिश डालें।
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दूसरा तरीका:

  1. एक पैन में 2 कप पानी और चीनी डालकर गर्म करें, जब तक चीनी घुल न जाए।
  2. अब दूसरी कढ़ाई में घी गर्म करें और उसमें आटा डालें।
  3. आटे को धीमी आंच पर 8-10 मिनट तक लगातार चलाते हुए सुनहरा होने तक भूनें।
  4. अब इसमें धीरे-धीरे चीनी-पानी का मिश्रण डालें और गुठलियां बनने से बचाएं।
  5. जब हलवा गाढ़ा होने लगे और घी किनारों से अलग दिखे, तब गैस बंद कर दें।
  6. ऊपर से मेवे डालकर परोसें।

गुरु नानक जयंती का दिन भक्ति, सेवा और समानता का प्रतीक है। इस पावन अवसर पर गुरुद्वारे जाकर सेवा करने, कीर्तन सुनने और घर पर कड़ा प्रसाद बनाकर परिवार संग बांटने से न केवल स्वाद का आनंद मिलता है, बल्कि गुरु नानक देव जी के उपदेशों को जीवन में उतारने का अवसर भी मिलता है।