आजकल वजन घटाने से लेकर त्वचा का ग्लो बनाए रखने तक के लिए लोग ग्रीन टी का सहारा लेते हैं। ग्रीन टी पीने से सेहत को मिलने वाले फायदों के बारे में तो लोगों को पता होता है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे पीने का सही तरीका और समय नहीं जानते हैं। सुबह खाली पेट ग्रीन टी सभी को डाइजेस्ट नहीं होती है, ऐसा करने से कुछ लोगों को परेशानी भी हो सकती है। ऐसे में सेहत से जुड़े ग्रीन टी के फायदे लेने के लिए आइए जानते हैं क्या है ग्रीन टी पीने का सही तरीका और समय।
ग्रीन टी पीने का सही तरीका
-ग्रीन टी भोजन करने के कम से कम 1 घंटे पहले पिएं।
-ग्रीन टी में टैनिन होता है, भोजन से तुरंत पहले इसे पीने से कब्ज, पेट-दर्द या मिचली की समस्या हो सकती है।
-सुबह खाली पेट ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। थोड़ा बहुत कुछ खाने के बाद ही ग्रीन का सेवन करें।
-पूरे दिन में 3 कप से ज्यादा ग्रीन टी न पिएं इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
-कई बार सोने से पहले ग्रीन टी पीने से नींद भी नहीं आती है।
-ग्रीन टी सुबह और शाम पीनी चाहिए। ऐसा करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है।
ग्रीन टी पीने का सही समय
-सुबह 10 से 11 बजे के बीच
-शाम को नाश्ते के बाद 5 से 6 बजे
-रात को सोने से 2 घंटे पहले ग्रीन टी पी लेनी चाहिए
-भोजन से 1 घंटा पहले या भोजन के 1 से 2 घंटे बाद पिएं
-सुबह व्यायाम से लगभग 30 मिनट पहले
एक दिन में कितने कप पीनी चाहिए ग्रीन टी
पूरे दिन में 3 कप से ज्यादा ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए, इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करने से उल्टी, दस्त, पेट खराब की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करने से शरीर में मौजूद कैल्शियम यूरीन के रास्ते बाहर निकलता है, अगर यह निकास ज्यादा होगा तो शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है।
ग्रीन टी पीने के फायदे-
वजन घटाना
ग्रीन टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन कम करने में मदद कर सकते हैं। ग्रीन टी के सेवन से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और कोलेस्ट्रोल पर नियंत्रण रहता है। शोध के अनुसार, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन और कैफीन के मिश्रण का सेवन वजन कम करने और वजन को संतुलित रखने में कुछ हद तक मदद कर सकता है।
चिंता करती है कम
ग्रीन टी चिंता को कम करने के साथ-साथ मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार कर सकती है। इसके अलावा, यह एकाग्रता बढ़ाने में भी सकारात्मक प्रभाव दिखा सकती है।
प्लाक को करें नियंत्रित
ग्रीन-टी, बैक्टीरियल प्लाक को नियंत्रित करके दांतों को खराब होने से बचा सकती है। ग्रीन-टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स एंटी-प्लाक एजेंट की तरह काम कर मुंह में प्लाक को जमने से रोक सकते हैं।
मधुमेह
ग्रीन टी के सेवन से टाइप टू डाइबिटीज के रोगियों को बहुत लाभ मिलता है। इसमें मौजूद पैलीफेनाल से ब्लड शुगर का स्तर कम रहता हैं।