माकपा नेता के हिजाब पर दिए बयान पर मचा बवाल, पार्टी बोली- ”ये उनका निजी विचार है, पार्टी का इससे कोई ताल्लुक नहीं है”

KNEWS DESK- केरल सीपीआई (एम) नेता अनिल कुमार की हिजाब को लेकर विवादित टिप्पणी ने पार्टी को दुविधा में डाल दिया है| एक तरफ उनके नेता ने हिजाब पर कहा कि हर व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार कपड़े पहनने के लिए स्वतंत्र है| वहीं दूसरी तरफ पार्टी ने उनके बयान पर कहा कि ये उनका निजी विचार है| पार्टी का इससे कोई भी ताल्लुक नहीं है| इसके बाद सत्तारूढ़ दल को कई धार्मिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने निशाने पर ले लिया|

दरअसल, केरल में राजनीतिक विवाद के बीच माकपा ने पार्टी की राज्य कमेटी के सदस्य के. अनिल कुमार की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि अपनी पसंद के अनुसार कपड़े पहनना किसी भी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और पार्टी को इस पर कोई राय व्यक्त करने की जरूरत नहीं है|

विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल की निंदा करते हुए कुमार के इस बयान को बेतुका बताया| जिसके बाद कुमार ने फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में कहा कि वह इस मामले पर पार्टी के रूख का समर्थन करेंगे| नास्तिक संगठन एससेंस ग्लोबल की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में अनिल कुमार ने कहा, सीपीएम के प्रभाव के कारण मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले में महिलाओं ने हिजाब पहनना छोड़ दिया है|

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता के एम शाजी और केपीए मजीद ने भी माकपा नेता की आलोचना की|  शाजी ने फेसबुक पर आरोप लगाया कि माकपा ने दो दल तैयार किए हैं एक तर्कवादियों के बीच जाकर आस्थावानों के खिलाफ बोलने के लिए और दूसरा आस्थावानों की बैठकों में हिस्सा लेने और उनकी प्रशंसा करने के लिए| उन्होंने समुदाय से सवाल किया कि क्या वे अब भी यकीन करना चाहते हैं कि साम्यवाद सही है| आईयूएमएल के वरिष्ठ विधायक मजीद ने कहा- कुमार की टिप्पणी ने वाम दल के नेतृत्व की असली मंशा को उजागर कर दिया है| उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस नास्तिक कार्यक्रम में विवादित टिप्पणी की गई है उसे ‘संघ परिवार- प्रायोजित’ व्यक्ति ने आयोजित किया था|

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी सतीशन ने कुमार की टिप्पणी की आलोचना कर कहा कि कौन क्या पहनेगा और क्या खाएगा यह व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है और किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह इस बारे में सलाह दे| उन्होंने कहा कि वामपंथी नेता का यह बयान, हिजाब का त्याग माकपा की उपलब्धि है, आस्था और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर खुला हमला है| सतीशन ने कहा- हिजाब को प्रतिबंधित करने वाली भाजपा सरकार और माकपा में क्या फर्क है जो समझती है हिजाब छोड़ना पार्टी की उपलब्धि है|

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