कुत्ते की वफादारी देख भावुक हुए लोग, मुर्दाघर के बाहर चार माह से कर रहा मालिक का इंतजार

KNEWS DESK- कहा जाता है कि इंसानों से ज्यादा वफादारी जानवरों में होती है| आपने अक्सर देखा होगा, कुत्ते अपने मालिक के इन्तजार के लिए बैठे रहते हैं| ऐसा ही एक मामला केरल से सामने आया है| यहां एक कुत्ता अपने मरे मालिक के इंतजार में अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर पिछले चार महीने से बैठा है| उसे तो अंदाजा भी नहीं है, उसका मालिक अब कभी नहीं आएगा|

केरल के कन्नूर जिला अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर एक कुत्ता पिछले चार महीने से अपने मालिक का इतंजार कर रहा है| अस्पताल में आने-जाने वाले लोग अक्सर इस कुत्ते को वहीं बैठा देखते हैं, जहां वह अपने मालिक का इतंजार कर रहा है| हालांकि, किसी को भी इस कुत्ते के बारे में नहीं पता है| जिला अस्पताल के अधिकारी कुत्ते के मालिक की पहचान नहीं कर सके| कुत्ते के निरंतर निगरानी और बेबसी से अंदाजा लगाया गया है कि वह अपने मालिक के इन्तजार में है|

अस्पताल के परिचारक राजेश कुमार ने लगभग चार माह पहले कुत्ते को मुर्दाघर के पास बैठे देखा था| उन्होंने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, पहले दिन हमने कुत्ते की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन अगले दिन जब वह वहां था तो हमारा ध्यान उस पालतू कुत्ते पर पड़ा| जब हमने स्थानीय लोगों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह कुत्ता किसी मरीज के साथ अस्पताल आया था, जिसकी मौत हो गई| राजेश ने कहा, उसके मालिक की अभी पहचान नहीं हुई है|

आमतौर पर यह कुत्ता शवगृह में शवों को ले जाने वाले रैंप पर दिखाई देता है| हालांकि यह मोर्चरी गेट से आगे नहीं बढ़ता, बल्कि वहीं खड़े होकर इंतजार करता है| कुत्ता अक्सर पास के फिजियोथेरेपी विभाग की इमारत में जाता है लेकिन रात में मुर्दाघर में लौट आता है| उन्होंने कहा- इसके अलावा, कुत्ता इलाके में आवारा कुत्तों के साथ घुलता-मिलता नहीं है| डॉ. माया गोपालकृष्णन कुत्ते को खाना देते हैं| साथ ही कुत्ते के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, न तो अंडा खाता है और न ही मछली, यहां तक कि उसे चावल भी पसंद नहीं है| डॉ. माया ने अब उसका नाम ‘रामू’ रख दिया| डॉक्टर ने कहा, कन्नूर की एक महिला ने कुत्ते को गोद लेने के लिए अस्पताल से संपर्क किया है|

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